फसल नुकसान का पैसा पाने से मत चूकिए, ऐसे करें PM Fasal Bima के लिए ऑनलाइन आवेदन

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान अब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के तहत सरकार की ओर से कम प्रीमियम में फसल को प्राकृतिक आपदाओं से आर्थिक सुरक्षा दी जाती है.

नोएडा | Updated On: 2 Jun, 2025 | 11:00 PM

किसानों के लिए फसल की सुरक्षा बेहद जरूरी है. प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई बार फसलें खराब हो जाती हैं, जिससे किसान आर्थिक संकट में पड़ जाते हैं. इसी समस्या का समाधान लेकर आई है सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY). यह योजना किसानों को कम प्रीमियम में बेहतर सुरक्षा देती है और फसल खराब होने पर आर्थिक मदद सुनिश्चित करती है. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो जानिए इसका ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, ताकि आपकी फसल सुरक्षित रहे और खेती में आत्मविश्वास बना रहे.

आवेदन करने का सरल तरीका

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आवेदन अब पूरी तरह से ऑनलाइन उपलब्ध है, जिससे किसानों को आवेदन प्रक्रिया में आसानी होती है. सबसे पहले आपको https://pmfby.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा. वेबसाइट खुलते ही ‘फॉर्मर कॉर्नर’ के विकल्प पर क्लिक करें. इसके बाद ‘गेस्ट फॉर्मर’ पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म खोलें. इस फॉर्म में अपनी सभी आवश्यक जानकारी भरें, जैसे नाम, पता, कृषि भूमि का विवरण, फसल का प्रकार आदि. फॉर्म भरने के बाद कैप्चा कोड डालकर ‘क्रिएट यूजर’ पर क्लिक करें. इसके बाद अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से पोर्टल पर लॉगिन करें और आवेदन प्रक्रिया पूरी करें. इस तरह आपका आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो जाएगा.

कौन-कौन सी फसलें शामिल हैं

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में तीन प्रमुख प्रकार की फसलें शामिल हैं. खरीफ, रबी और व्यावसायिक फसलें. खरीफ फसलों में धान, मक्का, बाजरा प्रमुख हैं, जबकि रबी फसलों में गेहूं, चना, जौ आते हैं. इसके अलावा, व्यावसायिक या बागवानी फसलों जैसे कपास, गन्ना, आलू, प्याज आदि को भी इस योजना में कवर किया गया है. इसका मतलब यह है कि लगभग हर प्रकार की प्रमुख फसल इस योजना के दायरे में आती है, जिससे किसानों को व्यापक सुरक्षा मिलती है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के फायदे

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है कम प्रीमियम में अधिक सुरक्षा. इसके तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, तूफान आदि के दौरान आर्थिक सहायता मिलती है, जो खेती में आत्मविश्वास बढ़ाती है. साथ ही, यह योजना सरकारी सहायता से भरोसेमंद बनती है. डिजिटल क्लेम प्रक्रिया के कारण दावा राशि तेजी से किसानों के खाते में पहुंचती है, जिससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता. इसके अलावा, इस योजना से खेती के जोखिम कम होते हैं और किसान बेहतर तरीके से अपनी खेती योजना बना सकते हैं.

Published: 2 Jun, 2025 | 11:00 PM