फसलें डूबीं, मकान ढहे, मवेशी बहे.. बाढ़ से बर्बाद किसानों को मिलेगा 70 हजार रुपये एकड़ मुआवजा?

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार को हरियाणा, पंजाब और हिमाचल जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए भी राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए. किसानों को 70 हजार रुपये एकड़ मिले मुआवजा.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 8 Sep, 2025 | 04:00 PM

हरियाणा में कई गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न हैं. इससे फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. साथ ही कई कच्चे घर भी बाढ़ में ठह गए हैं और किसानों को मवेशियों से भी हाथ थोना पड़ा है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान का भय सता रहा है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने बाढ़ प्रभावित रोहतक जिले कई गांवों का दौरा किया और किसानों का हालचाल जाना. इस दौरान किसानों ने हुड्डा के सामने फसल नुकसान के एवज में मुआवजे की मांग उठाई. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने भी कहा कि बाढ़ से फसलें चौपट हो गई हैं. ऐसे में किसानों को 70 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, भूपेंद्र हुड्डा ने खेतों में जलभराव के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी के चलते बाढ़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई है. हुड्डा ने कहा कि किसानों को तत्काल मदद और मुआवजे की जरूरत है. लेकिन सरकार ने विशेष गिरदावरी कराने के बजाय बाढ़ प्रभावित किसानों को केवल पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए कह रही. इससे किसानों की समस्या समाधान नहीं होने वाली है. दरअसल, हुड्डा ट्रैक्टर से किसानों के साथ महम और कलानौर विधानसभा क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का रविवार को दौरा कर रहे थे. उन्होंने खेतों का हाल देखकर कहा कि बाढ़ के पानी से पूरी फसल बर्बाद हो गई है.

प्रति एकड़ 70 हजार मिले मुआवजा

पूर्व मुख्यमंत्री ने जलभराव की भयावहता को देखते हुए कहा कि आगामी फसल की कोई उम्मीद नहीं है. किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 60,000-70,000 रुपये का फसल मुआवजा मिलना चाहिए. हालांकि, पिछले कई सालों से सरकार मुआवजा देने की बजाय पोर्टल का खेल खेल रही है. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के कारण आपदा प्रभावित 90 प्रतिशत लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाता. जिन किसानों को मुआवज मिलता भी है, उन्हें कई महीनों की देरी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार को लोगों के घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को हुए नुकसान का भी मुआवजा देना चाहिए.

हर तरह से की जाए किसानों की मदद

हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार को हरियाणा, पंजाब और हिमाचल जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए भी राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए. उनके मुताबिक, 1995 में जब ऐसी ही बाढ़ आई थी, तो वे तत्कालीन कृषि मंत्री को राज्य में लेकर आए थे. उन्होंने कहा कि उस समय कांग्रेस सरकार ने किसानों को हर तरह के नुकसान का मुआवजा दिया था, चाहे वह खेत खलिहान हों, ट्यूबवेल हों, घर-दुकानें हों या फिर फसलें. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार सैटेलाइट तस्वीरों को देखकर पराली जलाने के मामले दर्ज करती है, लेकिन जब मुआवजा देने की बात आती है तो किसानों को पोर्टल पर भेज देती है.

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Published: 8 Sep, 2025 | 03:58 PM

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