हरियाणा में 9 लाख एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद, 1.69 लाख किसानों को मिलेगा मुआवजा

हरियाणा में करीब 10 लाख एकड़ में खड़ी फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हुई हैं. राज्य के करीब 3 हजार गांव बाढ़ की वजह से संकट झेल रहे हैं.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 7 Sep, 2025 | 04:01 PM

बारिश और बाढ़ के कहर से पंजाब के साथ हरियाणा के किसान को भी गहरी चोट पहुंची है. हरियाणा में करीब 10 लाख एकड़ में खड़ी फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हुई हैं. राज्य के करीब 3 हजार गांव बाढ़ की वजह से संकट झेल रहे हैं. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पीड़ित किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा. बता दें कि हरियाणा में फसल नुकसान की भरपाई के लिए भारी संख्या में किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन कर रहे हैं.

धान, कपास की फसल चौपट

बारिश के बाद बाढ़ की वजह से पंजाब में धान, गन्ना, कपास की फसलों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है. सिरसा बेल्ट में कपास बुवाई के वक्त पानी की कमी की वजह से कम खेती की गई थी, लेकिन जिन किसानों ने जेब से पैसा खर्च कर सिंचाई कर कपास बोया था, उन्हें बाढ़ ने चौपट कर दिया है. राज्य में घग्गर नदी समेत अन्य नदियों का पानी उफान पर है और बड़े क्षेत्र को डुबा दिया है.

मुआवजे के लिए 1.69 लाख किसानों ने आवेदन

हरियाणा के 2897 गांव के किसान आपदा से प्रभावित हैं. इन गांवों के कम से कम 1.69 लाख किसानों ने फसल नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन किया है. क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पहुंचे आवेदनों के अनुसार राज्य में 9.96 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर खड़ी फसलें चौपट हुई हैं और उनके एवज में किसानों ने मुआवजे की मांग करते हुए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. बता दें कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए खोला गया है ताकि वे क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण अपनी फसल के नुकसान का विवरण दर्ज कर सकें.

सीएम बोले- हर किसान के नुकसान की भरपाई की जाएगी

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और प्रभावित किसानों से बातचीत की. कुरुक्षेत्र में सैनी ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में बाढ़ की समस्या का मिलकर सामना करना होगा और हरियाणा इस संकट में अपने पड़ोसी राज्य के साथ एकजुटता से खड़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के बाढ़ प्रभावित ज़िलों में राहत सामग्री भेजी जा रही है.

हरियाणा में बाढ़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार स्थिति पर नजर रख रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन वाली सरकार किसानों के हित में काम कर रही है. पहले भी सरकार द्वारा किसानों को मुआवज़ा दिया गया था. इस बार भी प्रभावित किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेशवासियों के साथ खड़ी है. प्रभावित किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है.

मारकंडा नहर उफनाने से डूबे कई गांव

कुरुक्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तंगोर, कठवा, थोल, नलवी और कलसाना गांव शामिल हैं. पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण यहां पानी जमा हो गया था, जिससे जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. मारकंडा नहर की क्षमता 25,000 क्यूसेक पानी की है, लेकिन इस बार पानी 40,000 क्यूसेक को पार कर गया और खेतों व आसपास के इलाकों में पानी भर गया.

60 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे सरकार

विपक्षी नेताओं ने मांग की कि सरकार प्रभावित किसानों की मदद के लिए तुरंत आगे आए और उन्हें जल्द से जल्द मुआवज़ा सुनिश्चित करे. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हरियाणा के कम से कम 40 प्रतिशत किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार सभी किसानों को कम से कम 60,000-70,000 रुपये प्रति एकड़ देकर पूरा मुआवजा दिया जाए.

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Published: 7 Sep, 2025 | 03:55 PM

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