गेहूं बुवाई के 20 दिन बाद करें पहली सिंचाई, फिर प्रति एकड़ इस मात्रा में करें यूरिया का छिड़काव

गेहूं की पहली सिंचाई करने से पहले किसानों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले मिट्टी की नमी जांच लें. अगर मिट्टी सूखी है तो सिंचाई करें. पानी की मात्रा संतुलित रखें, ताकि फसल को पर्याप्त पानी मिले.

Kisan India
नोएडा | Published: 10 Dec, 2025 | 02:17 PM

Wheat Farming: उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित कई राज्यों में गेहूं बुवाई समाप्त हो गई है. अब कई किसान फसल की पहली सिंचाई करेंगे. लेकिन पहली सिंचाई करने से पहले किसानों को कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए. क्योंकि सिंचाई के बाद उचित मात्रा में खाद का इस्तेमाल करने से फसलों की ग्रोथ अच्छी होती है. इससे पैदावार बढ़ जाती है. तो आइए आज जानते हैं गेहूं की पहली सिंचाई करने से पहले और बाद में किसानों को कौन-कौन सा जरूरी काम करना चाहिए.

कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, जिन किसानों ने गेहूं समय पर बोया था, उनकी फसल अब पहली सिंचाई  के लिए तैयार हो गई है. यानी गेहूं की पहली सिंचाई बुवाई के 20 से  25 दिन बाद की जाती है. लेकिन सिंचाई करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. छोटी सी लापरवाही भी फसल को नुकसान पहुंचा सकती है और इसकी वृद्धि व पैदावार दोनों पर असर डाल सकती है.

गेहूं की 4 से 5 बार सिंचाई की जाती है

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी फसल में सिंचाई बहुत जरूरी है और इसे ध्यान से करना चाहिए. इस समय किसान उन गेहूं की फसलों में पहली सिंचाई कर रहे हैं, जिनकी बुवाई नवंबर के मध्य में हुई थी. पहली सिंचाई के साथ संतुलित मात्रा में उर्वरक  देने से पौधों की बढ़वार बेहतर होगी और उत्पादन भी अच्छा होगा. आमतौर पर गेहूं की 4 से 5 बार सिंचाई की जाती है और इसे मिट्टी और मौसम के अनुसार किया जाता है.

इस अनुपात में करें यूरिया का छिड़काव

गेहूं की पहली सिंचाई करने से पहले किसानों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले मिट्टी की नमी जांच लें. अगर मिट्टी सूखी है तो सिंचाई करें. पानी की मात्रा संतुलित रखें, ताकि फसल को पर्याप्त पानी मिले. लेकिन खेत में जलभराव न हो. साथ ही खेत में खरपतवार और कीटों की भी जांच कर लें. हालांकि, पहली सिंचाई बुवाई के 20 से 25 दिन बाद करनी चाहिए, जब पौधे 4 से 6 पत्तियों के हो जाएं. सिंचाई के तुरंत बाद प्रति एकड़ 40 से 50 किलोग्राम यूरिया उर्वरक छिड़कें. इससे पौधों की बढ़वार तेज होगी, क्योंकि इस समय उन्हें सबसे ज्यादा नाइट्रोजन की जरूरत होती है.

कब करें गेहूं की बुवाई

ऐसे उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से लेकर नवंबर के आखिरी सप्ताह तक होता है. आमतौर पर 25 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच बोई गई फसल सबसे अच्छी होती है, क्योंकि इस दौरान तापमान, मिट्टी की नमी और मौसम गेहूं के अंकुरण और शुरुआती विकास के लिए अनुकूल होते हैं. पूर्वी यूपी में 1 से 25 नवंबर, मध्य यूपी में 25 अक्टूबर से 20 नवंबर और पश्चिमी यूपी में 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक बुवाई सबसे सही मानी जाती है. अगर बुवाई देर से 25 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच की जाए तो पैदावार में आमतौर पर 10 से 20 फीसदी तक की कमी हो सकती ह

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