Bihar News: मछली पालन से जुड़े किसानों और व्यापारियों के लिए अब खुशखबरी की कोई कमी नहीं है. बिहार सरकार लगातार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने में जुटी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इससे राज्य में मत्स्य व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी और हजारों मछली पालकों को सीधे फायदा मिलेगा.
मछली बाजारों का उद्घाटन और शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने कुल 5 नए मछली बाजारों का उद्घाटन किया, जो किशनगंज, बांका और पूर्णिया जिलों में पंचायत और प्रखंड स्तर पर बनाए गए हैं. इन बाजारों की लागत लगभग 1.06 करोड़ रुपये है. इसके साथ ही राज्य के 11 जिलों में और भी बाजारों और ढांचागत सुविधाओं के निर्माण का शिलान्यास हुआ, जिनकी लागत 44.46 करोड़ रुपये है. इन जिलों में मछली व्यापार को मजबूत करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है.
दिनांक 22 सितंबर 2025 को माननीय मुख्यमंत्री,श्री नीतीश कुमार द्वारा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की आधारभूत संरचना से संबंधित कई योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया।@renu_bjp @Agribih @Dept_of_AHD @IPRDBihar @vijayaias @HorticultureBih #comfed#dairy#pashupalak#fish pic.twitter.com/qUb37wDJYa
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पटना को मिला आधुनिक फिश मार्केट
सबसे बड़ी योजना रही पटना जिले में आधुनिक मत्स्य बाजार का शिलान्यास. यह बाजार फुलवारीशरीफ के एम्स गोलंबर के पास बनाया जाएगा. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत यह निर्माण होगा, जिसकी लागत 18.85 करोड़ रुपये (1885.60 लाख रुपये) है. यह बाजार पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट, साफ-सफाई की उचित व्यवस्था और बिक्री के लिए खास प्लेटफॉर्म होंगे. इससे न सिर्फ स्थानीय मछली पालकों को फायदा मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी ताजी मछली उचित दाम पर मिल सकेगी.
मछली पालकों को इससे क्या फायदा होगा?
अब बात करते हैं कि मछली पालकों को इससे क्या सीधा फायदा होगा:-
- बेहतर बाजार की सुविधा: पहले मछली बेचने के लिए किसानों को दूर-दराज जाना पड़ता था. अब पंचायत स्तर पर बाजार मिलने से उनका समय और पैसा दोनों बचेंगे.
- उचित दाम मिलेगा: जब बाजार पास में होगा, तो बिचौलियों की जरूरत नहीं पड़ेगी और किसान सीधे उपभोक्ताओं को मछली बेच सकेंगे. इससे उन्हें मछली का सही मूल्य मिलेगा.
- संगठन और सहकारी समितियों को बढ़ावा: बाजारों के विकास से स्थानीय मछली पालक समितियों और समूहों को मजबूती मिलेगी.
- भंडारण की सुविधा: कोल्ड स्टोरेज की वजह से मछली को ज्यादा समय तक रखा जा सकेगा, जिससे नुकसान की संभावना कम होगी.
- स्वच्छ और व्यवस्थित व्यवस्था: खुली जगह पर मछली बेचने के बजाय अब साफ-सुथरे बाजार में बिक्री होगी, जिससे स्वास्थ्य और व्यापार-दोनों में सुधार होगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा
इन योजनाओं से ग्रामीण युवाओं को मछली पालन की ओर आकर्षित किया जाएगा, क्योंकि अब बाजार और आधारभूत ढांचे की समस्या नहीं रहेगी. बहुत से युवा, जो रोजगार के लिए शहरों की ओर जाते हैं, अब अपने गांव में ही मत्स्य पालन से रोजगार कमा सकेंगे. पंचायत और प्रखंड स्तर पर बाजार खुलने से रोजगार के नए रास्ते बनेंगे-जैसे कि ट्रांसपोर्ट, आइस सप्लाई, प्रोसेसिंग, और रिटेलिंग से जुड़े छोटे कारोबार.
सरकार की सोच-मछली किसानों को आत्मनिर्भर बनाना
सरकार का उद्देश्य साफ है-मछली पालकों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना. बिहार में मत्स्य उत्पादन को और बेहतर बनाने की दिशा में यह योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पहले से ही किसानों को बीज, चारा, प्रशिक्षण, और सब्सिडी दे रहा है. अब जब बिक्री की मजबूत व्यवस्था भी हो गई है, तो किसानों को उत्पादन से लेकर विपणन तक की पूरी सुविधा मिलेगी.