Matar Farming at Home: सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में हरी मटर की मिठास छा जाती है, लेकिन मज़ा तब दोगुना हो जाता है जब मटर आप अपने घर पर ही उगाएं. चाहे आपके पास बड़ी जगह न हो, फिर भी बालकनी, छत या आंगन में छोटे गमले में मटर की खेती बिल्कुल आसान है. थोड़ी-सी देखभाल और सही मौसम में बुवाई करने पर घर में उगी मटर ताजी, सुरक्षित और रसायन-मुक्त मिलती है, जो बाजार की मटर से कहीं ज्यादा स्वादिष्ट होती है.
मटर उगाने का सही समय क्यों है सर्दियों का मौसम
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मटर ठंड के मौसम की फसल है. इसे लगाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच माना जाता है. इस दौरान तापमान न ज्यादा गर्म होता है न ज्यादा ठंडा, जिससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं और पौधे मजबूत बनते हैं. यदि मौसम बहुत गरम हो जाए, तो पौधे जल सकते हैं और अगर कड़ाके की सर्दी पड़ जाए तो पौधों की बढ़वार धीमी हो जाती है. इसलिए सही मौसम का चुनाव मटर की अच्छी फसल के लिए सबसे जरूरी कदम माना जाता है.
घर की बालकनी में गमले में मटर उगाने की आसान तैयारी
यदि आपके पास खेत नहीं है, तब भी चिंता की जरूरत नहीं है, क्योंकि मटर छोटे गमले में भी उगाई जा सकती है. इसके लिए 12 से 15 इंच गहरे गमले या ग्रो बैग का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा रहता है. मिट्टी तैयार करते समय बगीचे की मिट्टी, सड़ी गोबर खाद और रेत को बराबर मात्रा में मिलाना चाहिए, जिससे मिट्टी हल्की और भुरभुरी बने. यह मिट्टी पौधे की जड़ों को पर्याप्त पोषण देती है और पानी को जमा नहीं होने देती, जिससे पौधे सड़ने से बचते हैं. ऐसी मिट्टी मटर के तेज विकास और ज्यादा फलियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त होती है.
बीज बोने का आसान तरीका और शुरुआती देखभाल
बीज बोने से पहले मटर के दानों को 8 से 10 घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए, जिससे बीज जल्दी फूटते हैं और उनमें नई जान आ जाती है. बीज को मिट्टी में 2-3 सेंटीमीटर गहराई तक डालकर हल्की मिट्टी से ढक देना चाहिए. पौधों के बीच 2-3 इंच की दूरी रखना जरूरी है ताकि उन्हें फैलने और बढ़ने की जगह मिल सके. बीज डालने के बाद गमले को धूप वाली जगह रखना सबसे अच्छा होता है. शुरुआत में हल्का पानी देना चाहिए, क्योंकि मटर के पौधे नम मिट्टी में जल्दी बढ़ते हैं, लेकिन पानी का भराव जड़ों को खराब कर सकता है.
बेल को सहारा देना और पौधों की रोजमर्रा की देखभाल
मटर के पौधे लगभग 10 से 12 दिनों में अंकुरित हो जाते हैं. जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, उसे सहारे की जरूरत पड़ती है ताकि बेल ऊपर चढ़ सके और सही दिशा में फैले. इसके लिए बांस की पतली डंडियां या जाली लगाना काफी आसान उपाय है. पौधों को हमेशा हल्की नमी वाली मिट्टी देना चाहिए, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी से बचना जरूरी है, क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं. हर 15 दिन में जैविक खाद या वर्मीकंपोस्ट डालने से पौधे और ज्यादा स्वस्थ और हरे-भरे बनते हैं.
कब तोड़ें फलियां और कितना देती है एक पौधा
मटर के पौधों में बुवाई के 45 से 50 दिन बाद फूल आने लगते हैं, और थोड़े समय बाद फलियां तैयार हो जाती हैं. जब फलियां मोटी और भरी हुई दिखें, तभी उन्हें तोड़ लेना चाहिए, क्योंकि समय पर तोड़ने से पौधा ज्यादा नई फलियां बनाता है. आमतौर पर एक पौधा 20 से 25 फलियां दे देता है, और अच्छी देखभाल मिलने पर यह संख्या और बढ़ सकती है. घर पर उगी मटर न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि आपकी रसोई में ताज़गी और पोषण भी बढ़ाती है.