Poultry Farming: इस देसी मुर्गे के आगे कड़कनाथ भी है फेल! 3 महीने में हो जाता है तैयार, मुनाफा भी देता है 2X
Narmada Nidhi Murgi Palan: मुर्गी पालन में अगर आप कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने का सपना देख रहे हैं, तो अब यह सपना हकीकत बनने वाला है. बाजार में एक ऐसी नई देसी नस्ल आ चुकी है, जिसे किसान मजाक में नहीं बल्कि नतीजों की वजह से “कड़कनाथ का बाप” कह रहे हैं. तेजी से वजन बढ़ाने, ज्यादा अंडे देने और बीमारियों से मजबूत सुरक्षा की वजह से यह नस्ल मुर्गी पालकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रही है.

नर्मदा निधि को लोग मजाक में “कड़कनाथ का बाप” कह रहे हैं, क्योंकि यह कम समय में ज्यादा वजन, ज्यादा अंडे और बेहतर सेहत देती है. इससे किसानों को कम खर्च में ज्यादा कमाई का मौका मिलता है.

इस नस्ल के मुर्गे मात्र 2.5 महीने में 800-900 ग्राम तक पहुंच जाते हैं और करीब 4.5 महीने में 1.5 किलो वजन पा लेते हैं. इतनी तेज ग्रोथ से किसानों को जल्दी बिक्री और फटाफट मुनाफा मिलता है.

पारंपरिक देसी नस्लों की तुलना में नर्मदा निधि 3 से 4 महीने में ही बाजार के लिए तैयार हो जाती है. इससे बार-बार निवेश करने की जरूरत नहीं पड़ती और कम समय में आय शुरू हो जाती है.

नर्मदा निधि 25% कड़कनाथ और 75% जबलपुर कलर मुर्गी की क्रॉस ब्रीड है. इसी वजह से इसमें कड़कनाथ जैसा स्वाद और जबलपुर कलर जैसी तेज बढ़त—दोनों खूबियां मिलती हैं.

यह नस्ल सिर्फ मीट के लिए ही नहीं, बल्कि अंडा उत्पादन में भी आगे है. एक साल में यह 150 से 180 अंडे तक दे सकती है, जिससे किसानों को अतिरिक्त और स्थायी आमदनी मिलती है.

नर्मदा निधि की इम्युनिटी काफी मजबूत होती है. नमी और बरसात में जहां दूसरी मुर्गियां जल्दी बीमार पड़ती हैं, वहीं यह नस्ल स्वस्थ रहती है, जिससे दवा और इलाज का खर्च भी कम हो जाता है.