फल-सब्जी किसानों की मुश्किलें होंगी कम, सरकार बनाएगी हर जिले में कोल्ड स्टोरेज

सरकार की योजना के तहत 5,000 मीट्रिक टन क्षमता तक के कोल्ड स्टोरेज के निर्माण पर 35 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. यह सब्सिडी 1.68 करोड़ से 2.10 करोड़ रुपये तक की होगी, जिससे निजी निवेशकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 24 Jul, 2025 | 10:01 AM

हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. अब फलों और सब्जियों की बर्बादी रुकेगी और उन्हें उनकी मेहनत की बेहतर कीमत भी मिलेगी. राज्य के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने घोषणा की है कि हर जिले में एक बड़ा कोल्ड स्टोरेज बनाया जाएगा. इसका मकसद है कि किसानों की उपज ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रहे और उन्हें बाजार में सही समय पर बेचने का मौका मिले. यह कदम किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है.

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने की घोषणा

सीएनबीसी की खबर के अनुसार, हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बुधवार को कहा कि किसानों की उपज को सुरक्षित रखने और उन्हें अच्छा मूल्य दिलाने के लिए हर जिले में बड़ा कोल्ड स्टोरेज बनाया जाएगा. यह कदम राज्य के किसानों की आय बढ़ाने और फसल बर्बादी रोकने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है.

बजट घोषणाओं को तय समय पर पूरा करने का निर्देश

एक समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्ष 2025-26 के बजट में की गई सभी घोषणाओं को समय पर पूरा किया जाए. उन्होंने सख्ती से कहा कि अगर किसी स्तर पर देरी हुई तो संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा.

किन्नू, अमरूद के लिए भी आधुनिक प्लांट्स का प्लान

बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि सिरसा जिले में किन्नू के लिए एक आधुनिक प्रोसेसिंग और पैकेजिंग प्लांट बनाने की योजना है, जिसके लिए 3 एकड़ जमीन चिह्नित की जा चुकी है और डीपीआर का मसौदा तैयार कर लिया गया है. इसी तरह हिसार और फतेहाबाद में अमरूद के लिए उन्नत प्रोसेसिंग प्लांट्स और मंडियों की भी योजना है. इसके साथ ही कृषि मंत्री ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज मालिकों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे उनके बिजली के खर्च में कमी आएगी और मुनाफा बढ़ेगा.

कोल्ड स्टोरेज पर मिलेगा 35 फीसदी अनुदान

सरकार की योजना के तहत 5,000 मीट्रिक टन क्षमता तक के कोल्ड स्टोरेज के निर्माण पर 35 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. यह सब्सिडी 1.68 करोड़ से 2.10 करोड़ रुपये तक की होगी, जिससे निजी निवेशकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. राणा ने अधिकारियों से यह भी कहा कि किसानों को ऐसी फसलों की ओर प्रेरित किया जाए जो कम पानी, खाद और कीटनाशक में भी अच्छी पैदावार दें. इससे न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि खेती की लागत भी घटेगी.

मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन पर भी फोकस

बैठक में कृषि मंत्री ने मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती को बढ़ावा देने की कोशिशों की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि ये वैकल्पिक आजीविका के अच्छे स्रोत हैं और किसानों की आय को नई दिशा दे सकते हैं.

श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लगातार काम कर रही है. खेती की लागत घटाने और आमदनी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं.

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Published: 24 Jul, 2025 | 09:48 AM

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