ओडिशा में धान किसानों को नुकसान, 2.5 लाख टन धान की MSP से कम पर होगी बिक्री!

ओडिशा के सुन्दरगढ़ जिले में खरीफ 2025-26 में 7.14 लाख टन धान की उम्मीद है, लेकिन लगभग 2.5 लाख टन MSP से बाहर रह सकता है. कम कीमतों का सबसे अधिक असर छोटे और सीमांत किसानों पर होगा. अतिरिक्त धान नकदी संकट में स्थानीय दलालों को सस्ते दाम में बिकेगा.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 2 Dec, 2025 | 10:02 AM

Odisha News: ओडिशा के सुन्दरगढ़ जिले में खरीफ विपणन सीजन (KMS) 2025-26 में लगभग 2.5 लाख टन धान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम रेट पर बेचा जा सकता है. जिले में इस बार बहुत अधिक पैदावार होने की उम्मीद है, लेकिन इस बार कम कीमतों का सबसे अधिक असर छोटे और सीमांत किसानों पर पड़ेगा. सरकार हर सीजन में कुल धान का सिर्फ एक हिस्सा ही खरीदती है. इसलिए किसानों को बचा हुआ अतिरिक्त धान सस्ते रेट पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. 

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुन्दरगढ़ में 2025-26 के खरीफ सीजन  में 1,98,120 हेक्टेयर में धान की खेती की गई है. औसत उत्पादन 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मानते हुए कुल उत्पादन लगभग 7.14 लाख टन होने की उम्मीद है और अगर पैदावार अच्छी रही तो इससे अधिक भी हो सकता है. जानकारी के अनुसार, 30 फीसदी फसल यानी लगभग 2.14 लाख टन खुद खाने के लिए और लगभग 15,000 टन बीज के लिए रखी जाएगी, जो कुल मिलाकर 2.29 लाख टन होगी. इस साल सरकार ने पहले चरण में 1.46 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, जो 2024-25 में कुल 2.35 लाख टन की खरीद का 62 फीसदी है.

2.35 लाख टन होगी धान खरीदी

खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग (FS&CW) में कहा गया कि किसानों की खरीद लक्ष्य बढ़ाने की मांग के बाद संभावना है कि 2025-26 में अंतिम धान खरीद लगभग 2.35 लाख टन या उससे थोड़ा अधिक होगी. इसे ध्यान में रखते हुए, कुल 7.14 लाख टन की फसल में लगभग 2.5 लाख टन अतिरिक्त धान MSP के दायरे में नहीं आ पाएगा. कहा जा रहा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था जटिल है और खरीफ की खेती के दौरान किसान व्यक्तिगत और संस्थागत ऋण लेते हैं. फसल कटने के बाद उन्हें कर्ज चुकाने के लिए धान को नकदी में बदलना पड़ता है, जिससे स्थानीय व्यापारी और दलाल उनके घर से ही धान कम दाम में खरीद लेते हैं. इसका सबसे अधिक नुकसान छोटे और सीमांत किसानों को होता है.

सुन्दरगढ़ में लगभग 2.68 लाख हैं धान किसान

अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुन्दरगढ़ में लगभग 2.68 लाख किसान हैं, जिनमें 1.28 लाख सीमांत, 1.08 लाख छोटे, 20,200 अर्ध-मध्यम, 10,200 मध्यम और 1,290 बड़े किसान शामिल हैं. इसके अलावा लगभग 17,000 जमींदार-कृषक हैं. KMS 2025-26 के लिए पंजीकृत किसान 61,977 हैं. कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार, परंपरागत रूप से छोटे और सीमांत आदिवासी किसान धान की खेती पर ही टिके रहते हैं और प्रोत्साहन के बावजूद फसल विविधीकरण  कम रहा है. सुन्दरगढ़ में लगभग 1.63 लाख हेक्टेयर उच्च भूमि है, जिसमें धान और अन्य फसलें शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को उच्च भूमि पर धान छोड़कर अन्य नकदी फसलों से बेहतर मुनाफा कमाना चाहिए. मुख्य जिला कृषि अधिकारी एलबी मलिक ने कहा कि इस साल भारी पैदावार की उम्मीद है. नागरिक आपूर्ति विभाग ने कोई टिप्पणी नहीं की.

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Published: 2 Dec, 2025 | 09:57 AM

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