अक्सर जब हम सोयाबीन का नाम सुनते हैं, तो दिमाग में सबसे पहले फसल या किसानों की आमदनी आती है. लेकिन अब वैज्ञानिक कह रहे हैं कि सोयाबीन सिर्फ खेत की कमाई नहीं, बल्कि सेहत का असली खजाना है. इसे Golden Seed यानी सोने का बीज कहा जाता है, क्योंकि इसमें इतने पोषक तत्व हैं कि डॉक्टर भी इसके फायदे गिना-गिनाकर थक जाते हैं. भोपाल के CIAE के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज त्रिपाठी के मुताबिक, अगर रोजमर्रा की डाइट में सोयाबीन शामिल कर लिया जाए तो शरीर कई बीमारियों से दूर रह सकता है.
प्रोटीन का सबसे सस्ता खजाना
आज के दौर में लोग प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट्स पर हजारों रुपये खर्च करते हैं, जबकि सोयाबीन में नेचुरल प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलता है. यह 100 ग्राम में 36 ग्राम तक प्रोटीन देता है, जो कई नॉनवेज आइटम्स से भी ज्यादा है. यही वजह है कि इसे “शाकाहारियों का चिकन” भी कहा जाता है.
विटामिन और मिनरल्स से भरपूर सुपरफूड
सोयाबीन में विटामिन D, E, A, B, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, हेल्दी फैट्स और कार्ब्स मौजूद होते हैं. ये शरीर को सिर्फ ताकत ही नहीं देते, बल्कि हड्डियों को मजबूत, त्वचा को ग्लोइंग और दिमाग को एक्टिव रखते हैं. जिन लोगों को खून की कमी या कमजोरी रहती है, उनके लिए सोयाबीन किसी दवा से कम नहीं.
महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं

डॉ. मनोज त्रिपाठी
डॉ. मनोज त्रिपाठी बताते हैं कि सोयाबीन महिलाओं के लिए खासतौर पर फायदेमंद है. इसमें पाए जाने वाले नैचुरल कंपाउंड एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस बेहतर होता है. पीरियड्स की दिक्कत हो या मेनोपॉज की तकलीफ- सोयाबीन इन समस्याओं को काफी हद तक कम कर सकता है.
कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी मददगार
वैज्ञानिकों ने देखा है कि जो लोग नियमित रूप से सोयाबीन या सोया प्रोडक्ट्स जैसे टोफू, सोया दूध, सोया चंक्स आदि का सेवन करते हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम होता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में खतरनाक सेल्स बनने से रोकते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं.
स्वाद भी फुल, फायदा भी डबल
अगर आपको लगता है कि हेल्दी चीजें स्वाद में फीकी होती हैं तो सोयाबीन इस मिथक को तोड़ देता है. सोया चाप, सोया पुलाव, सोया करी से लेकर सोया कटलेट तक- इसके इतने स्वादिष्ट ऑप्शन हैं कि बच्चे भी मजे से खा लें. यानी हेल्थ भी फिट और टेस्ट भी हिट.