अगर आपकी थाली में मछली नहीं है तो समझिए सेहत का एक बड़ा हिस्सा आप छोड़ रहे हैं. मछली सिर्फ स्वाद में ही नहीं, सेहत में भी नंबर वन है. डॉक्टरों से लेकर डाइट एक्सपर्ट तक मछली को सुपरफूड मानते हैं. खासकर ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की मौजूदगी इसे और भी खास बनाती है. इसमें ऐसे पोषक तत्व मौजूद हैं, जो हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों को मजबूत और स्वस्थ बनाने में सहायता करते हैं. जानिए क्यों मछली खाने को डॉक्टर भी कहते हैं
दिमाग के लिए बूस्टर का काम
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि मछली खाने वालों में दिमागी बीमारियां कम होती हैं. रिसर्च के मुताबिक, जो लोग हफ्ते में एक या दो बार मछली खाते हैं, उनकी मेमोरी तेज होती है. इसका कारण है मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो न सिर्फ दिमाग की नसों को पोषण देता है, बल्कि न्यूरोलॉजिकल फंक्शन को बेहतर करने में भी मदद करता है. खासकर बुजुर्गों के लिए मछली बेहद फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ भूलने की समस्या बढ़ती है और ऐसे में मछली का सेवन उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने में मददगार होता है.
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का इलाज
हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए मछली को अपनी डाइट में शामिल करना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है. इसमें पाए जाने वाले हेल्दी फैट्स न सिर्फ दिल की धड़कन को संतुलित रखते हैं, बल्कि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करते हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मछली खाने वालों में मानसिक बीमारियों का खतरा भी कम होता है.
बुज़ुर्गो के लिए रामबाण
मछली आंखों की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों की सूजन कम करता है और उम्र के साथ आने वाली दृष्टिदोष की समस्याओं से भी बचाता है. खासतौर पर बच्चों और बुज़ुर्गों को इसे डाइट में शामिल करना चाहिए. क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ बुजर्गो को दिखाई कम देने लगता है इसलिए उनके लिए यह जरूरी है.
हड्डियों को बनाती है मजबूत
मछली में विटामिन D और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होते हैं जो हड्डियों की मजबूती में मदद करते हैं. जो लोग नियमित मछली खाते हैं, उन्हें आर्थराइटिस जैसी हड्डी की बीमारियां कम होती हैं.
अस्थमा और एलर्जी में भी फायदेमंद
मछली में मौजूद एन-3 फैटी एसिड अस्थमा जैसी सांस की बीमारी के खतरे को कम करता है. स्टडीज बताती हैं कि मछली खाने से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), डायरिया और स्किन एलर्जी जैसी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है. ये शरीर में सूजन को कम करने में असरदार होती है, जिससे इम्यून सिस्टम बेहतर काम करता है.
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