Buffalo Farming : दूध की बढ़ती मांग और पौष्टिक तत्वों की अधिकता के चलते दूध की बिक्री बढ़ी है. ऐसे में किसानों के लिए यह जानना जरूरी है कि कौन-सी भैंस उनकी मेहनत के हिसाब से अधिक कमाई कराने वाली साबित हो सकती हैं. आज हम आपको मुर्रा और भदावरी नस्ल की भैंसों के बारे में बताएंगे. ये दोनों नस्लें लोकप्रिय हैं, लेकिन उनकी विशेषताएं और फायदे अलग-अलग हैं, जो किसानों की कमाई बढ़ाने में मददगार साबित होती हैं.
मुर्रा नस्ल की भैंस
मुर्रा नस्ल की भैंस सबसे अधिक दूध देने वाली नस्लों में गिनी जाती है. इसका दूध 7 से 8 प्रतिशत वसा वाला होता है, जो डेयरी उद्योग में बहुत पसंद किया जाता है. मुर्रा भैंस भारी-भरकम होती है, लेकिन गर्दन और सिर हल्के होते हैं. इसके सींग छोटे और कसकर मुड़े होते हैं, शरीर काला और पूंछ लंबी होती है. इसके पीछे का हिस्सा चौड़ा और आगे का हिस्सा संकरा होता है. यह नस्ल देशी और अन्य भैंसों की तुलना में 2 से 3 गुना ज्यादा दूध देती है. मुर्रा भैंस प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध आसानी से दे सकती है और यह किसी भी जलवायु-गर्म या ठंडी-में आसानी से जीवित रह सकती है. मुर्रा भैंस की कीमत लगभग 60 से 80 हजार रुपए के बीच होती है. इसकी खासियत यह है कि यह उच्च पैदावार देने वाली और आसानी से पालने योग्य नस्ल है.
भदावरी नस्ल की भैंस की खासियत
भदावरी भैंस भी काफी लोकप्रिय नस्ल है. इसका दूध वसा में बहुत अधिक होता है, औसतन 8 प्रतिशत. इस दूध से घी बनाने में आसानी होती है और इसका स्वाद भी बहुत अच्छा माना जाता है. भदावरी भैंस का शरीर मध्यम आकार का होता है. इसके बाल हल्के और टांगें मजबूत होती हैं, जबकि वजन 300 से 400 किलोग्राम तक होता है. इसके सींग तलवार जैसे आकार के होते हैं. भदावरी भैंस की एक खासियत यह भी है कि इसे पालने में आहार की कम आवश्यकता होती है. इसका प्रतिदिन दूध उत्पादन 4 से 5 लीटर होता है. यह गर्म और आर्द्र जलवायु में भी अच्छी तरह जीवित रह सकती है. इसके बच्चों की मृत्यु दर अन्य नस्लों की तुलना में कम होती है. भदावरी भैंस की कीमत लगभग 70 से 80 हजार रुपए के बीच होती है.
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दूध उत्पादन: मुर्रा और भदावरी में अंतर
अगर दूध उत्पादन की बात करें तो मुर्रा भैंस यहां सबसे आगे है. यह प्रतिदिन 15-20 लीटर दूध देती है, जबकि भदावरी केवल 4-5 लीटर देती है. लेकिन दूध की गुणवत्ता की बात करें तो भदावरी भैंस का दूध घी और अन्य डेयरी उत्पादों में बहुत अच्छा माना जाता है. वसा का प्रतिशत ज्यादा होने के कारण यह स्वाद और पोषण दोनों में श्रेष्ठ है. इसलिए, जो किसान अधिक दूध उत्पादन चाहते हैं, उनके लिए मुर्रा भैंस बेहतर है. वहीं, जो किसान गुणवत्ता और घी उत्पादन पर ध्यान देते हैं, उनके लिए भदावरी भैंस सही विकल्प हो सकती है.
देखभाल और आहार
मुर्रा भैंस की देखभाल में आहार पर थोड़ा अधिक खर्च आता है क्योंकि यह भारी-भरकम नस्ल है. यह अधिक भोजन खाती है, लेकिन इसके बदले में ज्यादा दूध देती है. भदावरी भैंस को पालने में कम खर्च आता है. इसे कम आहार में भी अच्छे परिणाम मिलते हैं. यह गर्म और आर्द्र मौसम में भी सहज रहती है. दोनों नस्लों में बच्चों की देखभाल पर ध्यान देना जरूरी है. भदावरी के बच्चों की मृत्यु दर कम होती है, जबकि मुर्रा की संख्या ज्यादा होती है, इसलिए उन्हें पालन-पोषण में थोड़ा अतिरिक्त ध्यान देना पड़ता है.
कौन-सी नस्ल किसके लिए बेहतर?
- अधिक दूध उत्पादन चाहते हैं- मुर्रा भैंस सही विकल्प है.
- दूध की गुणवत्ता और घी उत्पादन चाहते हैं- भदावरी भैंस उपयुक्त है.
- पालन में कम खर्च चाहते हैं- भदावरी भैंस अच्छा विकल्प है.
- उच्च पैदावार और भारी-भरकम नस्ल पसंद है- मुर्रा भैंस सर्वोत्तम है.
- इस तरह, किसान अपनी जरूरत और प्राथमिकता के अनुसार इन दोनों नस्लों में से चुनाव कर सकते हैं.