Uttar Pradesh News: इस साल के मॉनसून सीजन में लगातार होने वाली बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. बारिश के कारण गन्ना फसल पर कीट और रोगों का खतरा बढ़ गया है. इसी खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने गन्ना फसल की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसी समस्या का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास) की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें संबंधित अधिकारियों ने तय किया है कि वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम गठित की जाएगी जो कि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रोगों और कीटों का पता लगाएगी.
रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
प्रदेश में गन्ना की फसल (Sugarcane Crops) पर लगने वाले कीटों और रोगों के प्रभाव का आंकलन करने के लिए गन्ना शोध परिषद (शाहजहांपुर) और भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (लखनऊ) के वैज्ञानिकों (Agriculture Experts) की संयुक्त टीम का गठन किया जाएगा. बता दें कि, वैज्ञानिकों की ये टीम प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी और इस बात की जांच करेगी कि गन्ना की फसल में कौन से रोग और कीट लग रहे हैं. जांच के बाद ये टीम गन्ना आयुक्त को रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें रोगों और कीटों के रोकथाम के उपाय दिए जाएंगे.
किसानों के लिए जारी होगी एडवाइजरी
गन्ने की फसल को कीटों और रोगों से बचाव के लिए सभी जिला गन्ना अधिकारी, उप गन्ना आयुक्त और चीनी मिलों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमित रूप से अपने इलाकों के प्रभावित फसलों की निगरानी करें . बता दें कि, फसलों की निगरानी करने वाली टीम के वैज्ञानिक रिपोर्ट्स के अनुसार किसानों के लिए जरूरी एडवाइजरी और सुझाव देंगे, ताकि फसल को समय रहते बचाया जा सके. सभी जिलों के गन्ना अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार फसल बचाने के लिए समय पर किसानों से कीटनाशकों का छिड़काव कराएंगे.
ड्रोन से होगा छिड़काव
गन्ना की फसल के बचाव को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित इलाकों में जहां भी संभव हो वहां ड्रोन (Drone Technology)और आधुनिक स्प्रे उपकरणों की मदद से फसल पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाए. इस तरह किसानों के समय और मेहनत दोनों की ही बचत होगी और कीटों को तेजी से कंट्रोल किया जा सकेगा.