बकरी पालन छोटे किसानों के लिए आय का अच्छा साधन बनता जा रहा है. लेकिन कई बार छोटी-छोटी गलतियों की वजह से बकरियां बीमार पड़ जाती हैं और पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. क्योंकि बकरी पालना जितना आसान दिखता है, उतनी ही जरूरी है उसकी सही देखभाल. खासतौर पर चारा देने में अगर जरा भी लापरवाही हो जाए तो बकरी की सेहत पर बड़ा असर पड़ सकता है. इससे दस्त, अफरा और पेट की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. कई बार ये गलती जानलेवा भी बन जाती है. लेकिन घबराइए नहीं, कुछ आसान सावधानियों से आप अपनी बकरियों को तंदुरुस्त रख सकते हैं.
1. गीली घास तुरंत खिलाने से बचें
कई किसान खेत से निकाले गए गीले हरे चारे को सीधे बकरियों को दे देते हैं. लेकिन यह बहुत खतरनाक हो सकता है. क्योंकि एक-दो घंटे की गीली घास में फफूंदी या बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो बकरी के पेट को खराब कर देते हैं. इससे बकरियों को पेट में गैस, दस्त और उल्टी की समस्या हो सकती है. इसलिए हमेशा चारे को छांव या हवा में कुछ देर सूखने दें, फिर ही खिलाएं.
2. बासी या सड़ा हुआ चारा न दें
मीडिया की एक रिपोर्ट की माने तो बासी हरे चारे में अक्सर फफूंदी और कीड़े लग जाते हैं, जो बकरी की सेहत के लिए जहर के बराबर होते हैं. ऐसे चारे से बकरी को संक्रमण हो सकता है, जिससे उसकी खुराक कम हो जाती है और वजन घटने लगता है. ध्यान रखें कि एक दिन से ज्यादा पुराना हरा चारा कभी न दें.
3. बकरियों का चारा बंडल बनाकर लटकाकर रखें
अगर चारा जमीन पर पड़ा रहे तो उसमें नमी और मिट्टी घुस जाती है, जिससे वो जल्दी सड़ जाता है. इसलिए हरे चारे को हमेशा बंडल बनाकर किसी छायादार जगह पर लटकाकर रखना चाहिए. इससे चारा खराब नहीं होत और बकरी को साफ-सुथरा, पौष्टिक चारा मिल पाता है.
4. एक बार में ज्यादा चारा देना नुकसानदायक
बकरी का पाचन तंत्र बहुत संवेदनशील होता है. अगर एक बार में ज्यादा चारा दे दिया जाए तो वह ना तो सही से खा पाएगी और ना ही पचा पाएगी. बेहतर होगा कि बकरी को दिन में तीन से चार बार थोड़ा-थोड़ा चारा दें, जिससे वह पूरी मात्रा में खा सके और उसका शरीर पौष्टिकता को सही तरीके से इस्तेमाल कर सके.
5. सूखी पत्तियों से बकरी की सेहत में आता है सुधार
बकरी को हरे चारे के साथ-साथ कुछ सूखी पत्तियां जैसे नीम, खजूर, बेर या सेम की पत्तियां देना भी फायदेमंद होता है. क्योंकि सूखी पत्तियों में ज्यादा फाइबर होता है, जो बकरी के पाचन को मजबूत बनाता है. साथ ही ये पत्तियां लंबे समय तक खराब नहीं होतीं, इसलिए इन्हें स्टॉक में रखकर भी खिलाया जा सकता है.