खरीफ सीजन की फसलों की कटाई के बाद किसान आलू की बुवाई कर रहे हैं. लेकिन, कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसान आलू की बजाय ग्लैडियोलस फूल की खेती करें, जिसकी बुवाई का समय नजदीक है. इसका बाजार में किसानों को अच्छा मूल्य मिलता है, जिससे उनकी कमाई आलू की खेती की तुलना कहीं ज्यादा हो सकती है. ग्लैडियोलस फूल की खेती की लागत, बिक्री और कमाई देखें तो 90 दिनों में यह फसल किसानों को लखपति बना सकती है.
उत्तर प्रदेश में आलू की खेती खूब की जाती है. राज्य के आगरा, कन्नौज, फर्रूखाबाद, कासगंज, अलीगढ़, कानपुर को आलू बेल्ट के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा भी राज्य के कई जिलों में किसान आलू की खेती करते हैं और इस समय आलू की बुवाई चल रही है. कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (CSAU) की ओर से जारी सलाह में किसानों को आलू की बजाय ग्लैडियोलस फूल की खेती करने की सलाह दी है. इससे उन्हें अधिक मुनाफा हासिल हो सकेगा. साथ ही फसल विविधीकरण भी हो सकेगा.
ग्लेडियोलस फूल की खेती का ये सटीक मौसम
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार आलू की खेती से भी ज्यादा मुनाफा देने वाली ग्लेडियोलस की खेती करने का मौसम आ गया है. अगले सप्ताह से इसकी खेती शुरू होगी. कंदीय पुष्प फसल की श्रेणी में शामिल इस सजावटी फूल (Decorative Flowers Farming ) की मांग कानपुर से लेकर लखनऊ तक सभी बड़े शहरों में खूब है. इसे स्वोर्ड लिली के नाम से भी जाना जाता है. सजावट के लिए इस्तेमाल होने की वजह से बाजार में इसकी खूब मांग रहती है और इसकी खेती किसानों को बेहतर कमाई करा सकती है.
- PM Kisan Yojana के लाभार्थियों को एडवांस में मिलेंगे 2000 रुपये, जानिए किस्त जारी करने के लिए मंत्रालय ने क्या कहा
- हल्दी, करौंदा की खेती पर सरकार दे रही 10 हजार रुपये, स्प्रिंकलर लगवाने पर 90 फीसदी सब्सिडी पाएं किसान
- यमुना और हिंडन की बाढ़ में अभी भी डूबे दर्जनों गांव, गन्ना में बीमारी लग रही.. गेहूं बुवाई में देरी की चिंता
कृषि विश्वविद्यालय में की जा रही खेती
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (Chandra Shekhar Azad University of Agriculture and Technology) में वहां के कृषि और फ्लोरीकल्चर के छात्र ग्लेडियोलस फूलों की खेती कर रहे हैं. इस फूल की विशेषता इसके लम्बे पुष्पदंड (स्पाइक) हैं, जो विभिन्न रंगों में होते हैं और फूलदान या बुके में आसानी से सजाए जा सकते हैं. यह फूल कई दिनों तक मुरझाते भी नहीं हैं. जो किसान इस, फूल की खेती करना चाहते हैं वह कृषि विश्वविद्यालय, फूल, सब्जी उद्यान विभाग से जानकारी और ट्रेनिंग हासिल कर सकते हैं.

पौधे से फूटता ग्लेडियोलस का फूल.
2.5 लाख फूलों से 12 लाख कमाई
ग्लेडियोलस की खेती से प्रति हेक्टेयर करीब ढाई लाख पुष्पदंड आसानी से हासिल किए जाते हैं. बाजार में एक पुष्पदंड की औसतन कीमत 5 रुपये होती है. जबकि, सीजन पर यही एक पुष्पदंड 15 रुपये कीमत तक में बिकता है. इस लिहाज से अगर 5 रुपये कीमत भी जोड़ें तो 2.5 लाख पुष्पदंड से 12 लाख रुपये से अधिक कमाई की जा सकती है. जबकि, इसकी खेती में लागत 3 लाख रुपये के आसपास होती है. यानी यह फसल किसानों को लाखों का मुनाफा करा सकती है.
90 दिन में लखपति बनाने वाली फसल
ग्लेडियोलस की खेती में फूल आने में 60-70 दिन का समय लगता है, जबकि 90 दिन में फूल तैयार हो जाता है. इस हिसाब से अगर खेती की लागत और मजदूरी जोड़ दें तो करीब 4 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर खर्च बैठता है. अब अगर समान्य 5 रुपये कीमत पर भी फूल की बिक्री होती है तब भी 8 लाख रुपये के करीब किसान को बचत होती है. वहीं, अगर किसान सावधानी और बाजार जरूरत का आकलन करके खेती और बिक्री करता है तो उसका मुनाफा इससे भी अधिक हो सकता है.