कोई 35 तो कोई 25 लीटर दूध देती है, जानिए कौन सी गाय बन रही किसानों की कैश मशीन!

भारत में देसी नस्लों की गायें दूध उत्पादन में कमाल कर रही हैं. गिर और साहीवाल जैसी गायें सही देखभाल से रोज 25-35 लीटर तक दूध दे सकती हैं. किसान इनके पालन से अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 23 Oct, 2025 | 01:20 PM

Indian Cow Breeds : सोचिए, अगर हर सुबह आपके खेत में खड़ी गाय 30 लीटर दूध दे तो, भारत में ऐसी कई नस्लें हैं, जिन्हें सही देखभाल और संतुलित आहार देने पर वे दूध की मशीन बन जाती हैं. गिर, साहीवाल और रेड सिंधी जैसी देसी गायें किसानों की आमदनी का बड़ा जरिया हैं. जानिए, कौन सी गाय कितनी दूध देती है और उसकी सही सेवा कैसे करें.

भारत- दूध उत्पादन में विश्व का श्रेष्ठ देश

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत सदियों से दूध उत्पादन  में दुनिया का नंबर वन देश रहा है. यहां की देसी नस्लें न सिर्फ ज्यादा दूध देती हैं बल्कि इनका दूध गुणवत्ता में भी बेहतरीन होता है. किसानों के लिए गाय पालन आज भी एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय है. खास बात यह है कि भारत की जलवायु और देसी गायों का तालमेल इतना अच्छा है कि इनका उत्पादन सालभर जारी रहता है.

देसी नस्लों की शान, देती है 35 लीटर तक दूध

गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में पाई जाने वाली गिर गाय  अपनी सहनशक्ति और ज्यादा दूध देने की क्षमता के लिए जानी जाती है. यह गाय औसतन 25 से 30 लीटर दूध देती है, लेकिन यदि उसकी देखभाल सही तरीके से की जाए तो यह मात्रा 35 लीटर तक पहुंच सकती है. इस गाय का दूध ए2 प्रोटीन से भरपूर होता है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. गिर गाय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह स्थानीय जलवायु में आसानी से ढल जाती है और लंबे समय तक दूध देती रहती है.

सच में दूध की रानी

साहीवाल नस्ल  की गाय पंजाब और हरियाणा के इलाकों में पाई जाती है और इसे दूध की रानी कहा जाता है. यह गाय प्रतिदिन 20 से 25 लीटर दूध आसानी से देती है. इसकी खास बात यह है कि यह कम चारे में भी अच्छा उत्पादन देती है और मौसम के बदलाव को भी सहन कर लेती है. साहीवाल गाय का दूध न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि उसमें वसा की मात्रा भी अच्छी होती है, जिससे यह गाय किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है.

ग्रामीण इलाकों की पसंदीदा नस्ल

रेड सिंधी गाय का मूल स्थान सिंध क्षेत्र माना जाता है, लेकिन अब यह भारत के कई हिस्सों में पाई जाती है. यह गाय प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध देती है. रेड सिंधी गाय की सबसे बड़ी ताकत है- इसकी गर्मी और कीटों से लड़ने की क्षमता. यह नस्ल कम खर्च में आसानी से पाली जा सकती है और छोटे किसानों के लिए यह सबसे उपयुक्त मानी जाती है.

अधिक दूध के लिए जरूरी है सही देखभाल और आहार

गाय को जितनी अच्छी देखभाल मिलेगी, वह उतना ही अच्छा उत्पादन देगी. गायों के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है. हरा चारा, सूखा भूसा और खली का सही मिश्रण देने से दूध की मात्रा बढ़ती है. गायों को साफ-सुथरे वातावरण में रखना चाहिए. रोजाना उनकी जगह की सफाई करें ताकि कोई संक्रमण न फैले. उन्हें दिन में धूप सेंकने दें और हल्की मालिश करें, इससे उनका रक्त संचार बेहतर होता है. नियमित टीकाकरण और डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवाना भी जरूरी है. कई बार छोटी बीमारियां भी उत्पादन पर असर डाल सकती हैं, इसलिए सावधानी सबसे जरूरी है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 23 Oct, 2025 | 01:20 PM

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?

Side Banner

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?