Gardening Tips: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर आप शोर से दूर कुछ पल सुकून से शांति में बिताना चाहते हैं तो अपने घर की बालकनी, छत या खिड़की पर ही हरे-भरे खुशबूदार फूलों के पौधे लगा सकते हैं. साथ ही अगर आप बागवानी का शौक रखते हैं तो अपराजिता का पौधा लगाना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. अपराजिता का पौधा केवल देखने में ही सुंदर नहीं है बल्कि ये औषधीय गुणों से भी भरपूर है. बता दें कि, इसके नीले और सफेद फूल घर की सुंदरता को चार चांद लगाने के साथ-साथ मानसिक तनाव को भी दूर रखने में मदद करते हैं. आप चाहें तो एक गमले में भी इस पौधे को आसानी से उगा सकते हैं.
सही गमले और मिट्टी का चुनाव
घर में गमले में अपराजिता का पौधा उगाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले कम से कम 12 से 15 इंच गहरा गमला लेना होगा, ताकि इसकी जड़ें अच्छे से फैल सकें. साथ ही इस बात का खास खयाल रखना होगा कि गमले में नीचे छेद जरूर हो ताकि पानी निकलता रहे. अपराजिता के पौधे को बढ़ने के लिए ढीली और पानी सोखने वाली मिट्टी की जरूरत होती है. गमले को तैयार करने के लिए उसमें 40 फीसदी अपने बाग की मिट्टी, 30 फीसदी गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट (Vermi Compost), 20 फीसदी रेत और 10 फीसदी नीम तेल (Neem Oil)या सरसों की खली मिलाएं, ताकि पौधे को कीटों से बचाया जा सके.
धूप और सिंचाई का रखें खास खयाल
मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, अपराजिता के पौधे को अच्छे से बढ़ने के लिए ऐसी जगह रखें जहां पौधे पर सीधी धूप पड़े, क्योंकि अपराजिता को पूरे दिन की सीधी धूप पसंद है. ध्यान रहे कि पौधे को दिन में कम से कम 5 से 6 घंटे की धूप जरूर लगे. इसके साथ ही सिंचाई का भी खास ध्यान रखना होगा. गमले की मिट्टी को पानी तभी दें जब मिट्टी हल्की सी सूखने लगें. जरूरत से ज्यादा पानी देने पर पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं और पौधा नष्ट हो सकता है.
सालभर मिलेंगे ताजे फूल
अपराजिता के पौधे की अगर अच्छे से देखभाल की जाए तो आप सालभर इससे ताजे और खूबसूरत फूल ले सकते हैं. अगर आप अपराजिता का पौधा बीज से उगाते हैं तो बुवाई के करीब 40 से 60 दिन बाद पौधे में फूल आने लगते हैं. ध्यान रखें कि, फूल आने के बाद सूखे फूलों और पीली पत्तियों को हटा दें, ताकि पौधे पर ज्यादा शाखाएं निकलें और पौधो ज्यादा से ज्यादा फूल दे.
औषधीय गुणों से भरपूर
अपराजिता को ब्रेन टॉनिक (Brain Tonic) भी कहा जाता है. आयुर्वेद में इसे याद करने की क्षमता बढ़ाने वाला माना गया है. यह चिंता, तनाव, डिप्रेशन और नींद न आने जैसी मानसिक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. इसके अलावा अपराजिता की जड़ का चूर्ण कफ, खांसी, दमा (Asthma) आदि में फायदेमंद माना जाता है,साथ ही इसके फूलों से बनी चाय (Blue Tea) मानसिक तनाव, थकान और डिप्रेशन को कम करने का काम करती है.