बाढ़ से 502 मवेशियों की मौत, अमृतसर में ज्यादा तबाही.. अब गांव-गांव में टीकाकरण

पंजाब की बाढ़ से अमृतसर जिले में सबसे ज्यादा पशु और मुर्गीपालन का नुकसान हुआ. 2.33 लाख से अधिक पशुओं को हैमोर्रेजिक सेप्टिसीमिया का टीका दिया गया. पशुपालन विभाग ने पानी की सफाई और मुफ्त दवाइयां देकर पशुओं की सेहत सुधारने का काम शुरू किया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 28 Sep, 2025 | 09:58 AM

Punjab News: इस साल बाढ़ ने पंजाब में भारी तबाही मचाई. इससे लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है और पशु-पक्षियों को नुकसान पहुंचा है. खासकर अमृतसर जिले में बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा पशु और मुर्गियों को नुकसान हुआ है. जानकारी के मुताबिक, 23 सितंबर तक पशुपालन विभाग ने पुष्टि की है कि पूरे राज्य में 6,515 घरेलू पक्षी मरे, जिनमें से अकेले अमृतसर में 5,015 मुर्गियों की मौत हुई है. जबकि होशियारपुर में 1,500 मुर्गियां बाढ़ की चपेट में आकर मारी गईं. अगर पशुओं की बात करें तो अमृतसर में 218 मवेशी मरे, जबकि पूरे राज्य में ये संख्या 502 है.

वहीं, गूरदासपुर में 151 मवेशियों की मौत हुई. अमृतसर में 172 सूअर, 7 बैल, 18 बछड़े और एक घोड़े की भी मौत हुई. फरीदपुर में भी एक बछड़ा मारा गया है. वहीं, इस संकट से निपटने के लिए पशुपालन विभाग  ने पानी से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है.

2.33 लाख पशुओं को बूस्टर डोज

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक,  शुक्रवार तक राज्य के 2.33 लाख से ज्यादा पशुओं को हैमोर्रेजिक सेप्टिसीमिया (HS) टीके की बूस्टर डोज  दी जा चुकी है. पशुपालन विकास और मत्स्य पालन के मुख्य सचिव राहुल भंडारी ने कहा कि हमने पूरे राज्य के सभी मवेशियों को HS बूस्टर डोज लगाई है. हमारे ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था का आधार पशुधन है और हम किसानों का पूरा समर्थन कर रहे हैं. यह बात उन्होंने लुधियाना के गुरु अंगद देव वे्टेरिनरी और एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी में आयोजित पशुपालन मेले के दौरान कही.

दूध उत्पादन में गिरावट

उन्होंने कहा कि अब तक किसी बड़ी बीमारी की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन पशुओं में फुट-रॉट, मास्टाइटिस, टिक से होने वाली बीमारियां, त्वचा की समस्याएं, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और पोषण की कमी के लक्षण देखे गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ के कारण हरे चारे की कमी से पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं, जिससे दूध निकालने में देरी हो रही है या उत्पादन कम हो रहा है.

पशुओं की सेहत पर असर

वहीं, नुकसान को रोकने के लिए विभाग पानी पीने के स्थानों की सफाई के लिए पोटैशियम परमैंगनेट क्रिस्टल्स और पैरों की सफाई के लिए फुट-डिप्स दे रहा है. इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर मुफ्त दवाइयां   खनिज मिश्रण (यूरोमिन लिक्स), साइलाज और क्लोरीन टैबलेट भी बांटे जा रहे हैं, ताकि जानवरों को साफ और सुरक्षित पानी मिल सके. राहुल भंडारी ने बताया कि वेटर्नरी टीम और पैरास्टाफ रोजाना गांवों में जाकर पशुओं की सेहत की जांच कर रहे हैं, इलाज कर रहे हैं और समय पर मदद पहुंचा रहे हैं. इसका मकसद हालत को सुधारना और किसानों के नुकसान को कम करना है.

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Published: 28 Sep, 2025 | 09:49 AM

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