किसानों को बड़ी राहत, 17 हजार रुपये हेक्टेयर मिलेगा फसल नुकसान का मुआवजा

कृषि मंत्री ने मजदूरों की भारी कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि सरकार किसानों को कटाई मशीनों पर सब्सिडी  दे रही है. खासकर गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में मजदूरों की बेहद कमी है. इसलिए बड़े स्तर पर कटाई के लिए मशीनों पर 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 14 Oct, 2025 | 02:09 PM

Karnataka News: कर्नाटक में फसल नुकसान की मार झेल रहे किसानों के लिए राहतभरी खबर है. कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी ने ऐलान किया है कि सरकार किसानों को तय मुआवजे के अलावा 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त सहायता देगी. इसके बाद किसानों को कुल 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा. साथ ही मंत्री ने कहा कि मुआवजा के लिए किसानों को अब ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है. जल्द ही मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा.

कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी ने कहा कि मुंबई-कर्नाटक और कल्याण-कर्नाटक क्षेत्रों में हाल ही में हुई भारी बारिश से किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ है. सीएम सिद्धारमैया ने कलबुर्गी डिवीजन के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान कहा था कि 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसल तबाह हो चुकी है. लेकिन विजयपुरा और आसपास के जिलों में लगातार भारी बारिश के कारण अब तक प्रभावित क्षेत्र बढ़कर करीब 12 लाख हेक्टेयर हो गया है. उन्होंने कहा कि NDRF के नियमों के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 8,500 रुपये मुआवजा मिलता है. राज्य सरकार भी इसमें 8,500 रुपये अतिरिक्त देगी. इससे बारिश प्रभावित किसानों को काफी राहत मिलेगी. वे मुआवजा राशि के पैसे से समय पर रबी फसल के लिए खाद और बीज खरीद पाएंगे.

50 लाख रुपये तक की सब्सिडी

कृषि मंत्री ने मजदूरों की भारी कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि सरकार किसानों को कटाई मशीनों पर सब्सिडी  दे रही है. खासकर गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में मजदूरों की बेहद कमी है. इसलिए बड़े स्तर पर कटाई के लिए मशीनों पर 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राज्य सरकार अब और अधिक निजी संस्थानों को कृषि विज्ञान से जुड़े कोर्स चलाने के लिए कॉलेज खोलने की अनुमति देगी. ये कदम कृषि शिक्षा की बढ़ती मांग को देखते हुए लिया जा रहा है. धारवाड़ में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (UAS) की 39वीं स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहा कि हर साल बीएससी (एग्रीकल्चर) कोर्स के लिए एक लाख से ज्यादा आवेदन आते हैं, लेकिन राज्य की चार कृषि यूनिवर्सिटियों में सिर्फ 5,000 सीटें ही उपलब्ध हैं.

पीजी कोर्स शुरू करने की मिली अनुमति

उन्होंने कहा कि छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने पिछले दो सालों में तीन निजी संस्थानों को डिग्री और पीजी कोर्स शुरू करने की अनुमति दी है. अब और भी निजी संस्थाएं रुचि दिखा रही हैं. इसलिए सरकार नए प्रस्तावों पर विचार करेगी, लेकिन पहले उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर  और सुविधाओं की जांच की जाएगी. धारवाड़ स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय की तारीफ करते हुए मंत्री ने कहा कि यह देशभर में फिलहाल 24वें स्थान पर है और वैज्ञानिकों व छात्रों से इसे टॉप 10 में लाने की अपील की. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति पीएल पाटिल ने की.

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Published: 14 Oct, 2025 | 02:06 PM

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