केवल हरियाणा में ही नहीं बल्कि पंजाब में भी धान की फसल में बीमारी फैल रही है. इससे फसल प्रभावित हो रही है. खास कर रोपड़ जिले में धान की फसल पर राइस ब्लैक-स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV) का प्रकोप कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कृषि मंत्री को SRBSDV का निरीक्षण करने के लिए खुद खेत में उतरना पड़ा.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने शुक्रवार को रोपड़ जिले के मारोलीकलां, ककराली और पपराली गांवों का दौरा किया. उन्होंने धान की फसल पर साउदर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस के असर का जायजा लिया और किसानों से मिलकर उनकी चिंताओं को समझा. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में रोपड़ जिले में किसानों द्वारा धान के पौधों में विकास रुकने (स्टंटिंग) के लक्षणों की शिकायतें मिल रही थीं. इसकी जानकारी मिलते ही कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, रोपड़ की टीमों ने मिलकर कई गांवों में फील्ड निरीक्षण किया.
रोपड़ जिला सबसे ज्यादा बीमारी से प्रभावित
मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि फिलहाल रोपड़ जिला इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है. जमीन पर स्थिति का आकलन करने और विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद, वायरस के फैलाव को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं. कृषि विभाग ने अधिकारियों को खेतों का दौरा करने, किसानों को जागरूक करने और समय पर उचित कीटनाशकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
इन किस्म के धान में दिखा रोग
समीक्षा के दौरान देखा गया कि धान की PR-128 और PR-131 किस्मों में रोपाई के बाद असामान्य बढ़त के लक्षण नजर आए. कुछ पौधों में साउदर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV) का संक्रमण पाया गया. विशेषज्ञों ने कहा कि प्रभावित पौधों की जड़ों का विकास स्वस्थ पौधों की तुलना में काफी कम था. उनकी पत्तियां सूई जैसी पतली और नुकीली थीं, और तनों पर सहायक जड़ें (एस्केप रूट्स) भी दिखीं जो वायरस संक्रमण के सामान्य लक्षण हैं.
जांच के लिए लुधियाना भेजे गए पौधे
मंत्री ने कहा कि प्रभावित खेतों से लिए गए पौधों के सैंपल की पुष्टि के लिए पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU), लुधियाना भेजे गए हैं. किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों और नर्सरी की नियमित जांच करें, क्योंकि स्वस्थ नर्सरी पौधे ही मजबूत फसल की नींव होते हैं. कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने कहा कि फील्ड टीम लगातार खेतों का दौरा कर रही है और किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे वायरस के फैलाव को रोकने के लिए खासतौर पर सफेद पीठ वाले प्लांटहॉपर कीट के खिलाफ सुझाए गए कीटनाशकों का छिड़काव करें.
जागरूकता के लिए कैंप आयोजित
जॉइंट डायरेक्टर नरिंदर सिंह बेनिपाल ने कहा कि रोपड़ जिले के मोरिंडा और श्री चंमकौर साहिब ब्लॉकों में कृषि तकनीक प्रबंधन एजेंसी (ATMA) योजना के तहत कीट प्रबंधन को लेकर विशेष जागरूकता कैंप आयोजित किए जा रहे हैं. मुख्य कृषि अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी वायरस पर बारीकी से नजर रखे हुए है और घबराने की जरूरत नहीं है. अगर नुकसान 5-10 फीसदी तक सीमित रहे तो इस बीमारी को प्रभावी तरीके से रोका जा सकता है.