Fish Farming : सर्दियों का मौसम सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि मछलियों के लिए भी चुनौती भरा होता है. ठंड बढ़ते ही मछलियों की गतिविधियां धीमी हो जाती हैं और उनकी सेहत पर असर पड़ता है. अगर इस दौरान मछली पालक थोड़ी भी लापरवाही कर दें, तो पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है. इसलिए सर्दी के मौसम में मत्स्य पालन करते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है, ताकि मछलियां स्वस्थ रहें और मुनाफा भी बढ़े.
सर्दियों में मछलियां क्यों हो जाती हैं सुस्त?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों के दिनों में जब तापमान गिरता है, तो पानी का तापमान भी कम हो जाता है. ठंडे पानी में मछलियों की गति और पाचन प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है. यही कारण है कि वे कम खाना खाती हैं और ज्यादा समय पानी की गहराई में बिताती हैं. इस समय अगर तालाब का पानी बहुत ठंडा या दूषित हो जाए, तो मछलियां बीमार भी पड़ सकती हैं. इसलिए तापमान और पानी की स्थिति पर लगातार नजर रखना जरूरी होता है.
तालाब का रखरखाव और सफाई पर दें ध्यान
सर्दियों में मछलियों की देखभाल का पहला कदम तालाब की साफ-सफाई है. इस मौसम में तालाब की मिट्टी में हानिकारक बैक्टीरिया और फफूंद पनपने लगते हैं. पानी को स्वच्छ और संतुलित बनाए रखने के लिए हर 10 से 15 दिनों में तालाब में चूना, सुपर फॉस्फेट, मिनरल मिक्स और सरसों की खल्ली डालें. इससे पानी का पीएच स्तर ठीक रहता है और मछलियों को जरूरी पोषण मिलता है. अगर तापमान बहुत नीचे चला जाए या कोहरा ज्यादा हो, तो तालाब में खाद और दवाइयां डालना बंद कर दें.
मछलियों को सही मात्रा में पौष्टिक आहार दें
सर्दी में मछलियां बहुत कम खाती हैं, इसलिए उन्हें हल्का और पौष्टिक भोजन देना चाहिए. खाने में प्रोटीन, विटामिन और खनिज का संतुलन होना जरूरी है ताकि उनका शरीर मजबूत बना रहे. अगर मछलियां ज्यादा खाना छोड़ रही हैं, तो इसका मतलब है कि पानी बहुत ठंडा हो गया है या उनमें संक्रमण शुरू हो गया है. ऐसे में तालाब में प्रति एकड़ 40 से 50 किलो नमक का घोल डालना चाहिए, इससे फफूंद और परजीवी संक्रमण से बचाव होता है.
फसल के साथ करें मछली पालन
सर्दियों में फसलों के साथ मछली पालन भी एक अच्छा विकल्प है. जिन फसलों को पानी की अधिक जरूरत होती है, उनके खेतों में मेढ़ बनाकर पानी जमा किया जा सकता है. इन पानी भरे हिस्सों में मछली पालन किया जा सकता है. इस विधि में अलग से दाने की जरूरत नहीं होती क्योंकि मछलियां फसलों से निकलने वाले जीवों और काई से अपना भोजन पा लेती हैं. इस तरह किसान खेती और मत्स्य पालन दोनों से एक साथ अच्छी कमाई कर सकते हैं.
बचाव और सुरक्षा सबसे जरूरी
सर्दियों में मछलियों को अचानक तापमान बदलने से बचाना चाहिए. अगर संभव हो तो तालाब के कुछ हिस्से में गहराई बढ़ा दें, ताकि मछलियां ठंड से बचने के लिए नीचे जा सकें. इसके अलावा, मछलियों को हाथ से बार-बार छूना या परेशान करना ठीक नहीं होता, क्योंकि इससे वे तनाव में आ जाती हैं. पानी में नियमित रूप से ऑक्सीजन का स्तर जांचते रहें और जरूरत पड़ने पर एरेटर मशीन का उपयोग करें. मछलियों के बीमार पड़ने के शुरुआती लक्षण दिखें तो तुरंत मत्स्य अधिकारी या विशेषज्ञ से सलाह लें.