Weather Update: उत्त प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सहित कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदलने वाला है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के मुताबिक, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने दो अवदाबों (Depressions) का असर 26 से 29 अक्टूबर तक राजस्थान के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में देखने का मिल सकता है. इस दौरान गरज-चमक के साथ मध्यम से तेज बारिश हो सकती है. सबसे ज्यादा असर 27 और 28 अक्टूबर को रहने की संभावना है. उदयपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर और जयपुर संभाग के कई इलाकों में बिजली गिरने और तेज बारिश के आसार हैं. मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे खुले में रखे अनाज और फसलों को सुरक्षित जगह पर रख लें, ताकि बारिश से नुकसान न हो.
मौसम विभाग का कहना है कि 28 और 29 अक्टूबर की सुबह तक पश्चिमी विक्षोभ का असर पूरे हरियाणा में भी दिखेगा. इस दौरान कुछ जगहों पर बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश भी हो सकती है. विभाग ने कहा कि राजधानी चंडीगढ़ समेत पूरे हरियाणा में जल्द ही मौसम बदलने वाला है. 27 अक्टूबर से हिमालयी क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसका असर दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा पर पड़ेगा. 27 अक्टूबर की शाम से बादल छाने लगेंगे और कई जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है. यह स्थिति 28 अक्टूबर की सुबह तक रह सकती है. यानी छठ पूजा से पहले मौसम ठंडा और सुहावना हो जाएगा.
हरियाणा में AQI खराब
हरियाणा के कई शहरों में शनिवार को हवा की गुणवत्ता (AQI) काफी खराब दर्ज की गई है, जिसके कारण लोगों को हल्की जहरीली धुंध का सामना करना पड़ रहा है. AQI रिपोर्ट के मुताबिक, फरीदाबाद में प्रदूषण स्तर 277, गुरुग्राम में 252 और अंबाला में करीब 174 दर्ज किया गया है. सुबह के समय अंबाला में हल्की धुंध दिखाई दी. वहीं, दिल्ली-एनसीआर का AQI लेवल करीब 257 के आसपास बना हुआ है. अनुमान है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है.
उत्तर प्रदेश में गिर सकता है तापमान
वहीं, उत्तर प्रदेश में अगले दो दिनों तक रात का तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जिससे रातें और ठंडी महसूस होंगी. 28 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में मौसम सूखा और सामान्य रहेगा, क्योंकि फिलहाल कोई सक्रिय मौसमी सिस्टम नहीं है. आसमान साफ रहेगा और हवाएं उत्तर-पूर्व दिशा से चलेंगी. 29 और 30 अक्टूबर को हरियाणा के दक्षिण-पूर्वी इलाकों में कुछ जगहों पर हल्की या छिटपुट बारिश हो सकती है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि तूफान के पूरी तरह विकसित होने और समय नजदीक आने पर बारिश की स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी.