मछली पालन में बार-बार हो रहा नुकसान? ये गलती सुधारते ही बदल जाएगी किस्मत

कई किसान तालाब में मछली पालन तो करते हैं लेकिन सही तरीका न अपनाने की वजह से आधा नुकसान उठा बैठते हैं. अगर बीज डालने से पहले सिर्फ एक जरूरी कदम उठा लें, तो वही तालाब आपको लाखों की कमाई करा सकता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 20 Oct, 2025 | 03:37 PM

Fish Farming : गांव हो या शहर-खाने की थाली में अगर मछली हो तो स्वाद दुगुना हो जाता है. यही कारण है कि मछली पालन अब सिर्फ शौक नहीं, बल्कि कमाई का बड़ा धंधा बन चुका है. लेकिन अक्सर किसान एक बड़ी गलती कर देते हैं- वे मछली के बीज तो तालाब में डाल देते हैं, लेकिन सही देखभाल न होने के कारण आधी मछलियां बीच रास्ते में ही मर जाती हैं. ऐसे में मेहनत भी गई और पैसा भी! आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताएंगे जिससे तालाब में पाली गई मछलियां न केवल जीवित रहेंगी बल्कि मोटी-ताजा होकर जल्दी तैयार भी होंगी.

मछली के बीज सीधे तालाब में न डालें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर लोग बाजार से जीरा साइज वाले मछली बीज (Fish Seeds) का 1000 पीस वाला पैकेट लाते हैं और सीधे तालाब  में छोड़ देते हैं. लेकिन यह सबसे बड़ी भूल है. ट्रांसपोर्ट के दौरान कई बीज कमजोर हो जाते हैं और तालाब के पानी में जाते ही मर जाते हैं. इसलिए बीजों को पहले 3 से 6 महीने तक नर्सरी में रखें. इस दौरान उन्हें सरसों की खली व चावल के छिलके का चूरा खिलाएं. इससे उनकी ताकत बढ़ती है और जीवित रहने की संभावना 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.

तालाब का पानी ही मछलियों की सबसे बड़ी दवा

मछली पालन में पानी की गुणवत्ता  सबसे अहम है. पानी अगर गंदा हो या सड़ा हुआ हो तो मछलियां बीमार हो जाती हैं. तालाब में समय-समय पर गोबर से बना जैविक खाद और गुड़ का घोल डालते रहें. इससे पानी में ऑक्सीजन का स्तर बना रहता है और मछलियों के लिए प्राकृतिक भोजन भी तैयार होता रहता है. याद रखें-साफ पानी, तेज बढ़त.

खाना ऐसा दें जो पेट भरे लेकिन तालाब गंदा न करे

बहुत से किसान एक ही बार में ज्यादा चारा डाल देते हैं. इससे आधा चारा सड़ जाता है और तालाब का पानी खराब हो जाता है. मछलियों को रोजाना सुबह-शाम उतना ही चारा दें जितना वे 15 मिनट में खा लें. सरसों की खली, चावल का भूसा, सोयाबीन पाउडर  और मक्का चूर्ण का मिश्रण सबसे अच्छा रहता है.

कौन सी मछलियां रखें?

अगर आप तालाब में भैंसें उतारते हैं या तालाब थोड़ा खुला और प्राकृतिक है, तो उसमें रोहू, कतला और नैनी की ब्रीड डालना सबसे अच्छा रहता है. ये मछलियां 18 महीने में 2 किलो से ज्यादा वजन की हो जाती हैं. ऐसे आकार की मछलियां बाजार में आसानी से बिकती हैं और 200 से 300 रुपये किलो तक का दाम दिलवाती हैं.

मछली पालन में खर्च कम और कमाई डबल करने का तरीका

अगर सही तरीके से मछली पालन किया जाए तो एक एकड़ तालाब से सालाना 3 से 4 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है. इसके लिए सरकारी योजनाओं का भी उपयोग करें. कई राज्य मछली पालन  पर सब्सिडी देते हैं. साथ ही मछली बीज, चारा और उपकरणों पर भी छूट मिलती है.

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Published: 20 Oct, 2025 | 03:37 PM

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