केले के कीमत में भारी गिरावट, 7 रुपये किलो हुआ रेट.. बाग में पनामा वायरस फैलने से किसानों को नुकसान

किसानों का कहना है कि हालात और खराब हो गए हैं क्योंकि कई केले के खेत पनामा वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. इस बीमारी से पौधों की बढ़वार रुक जाती है और फल छोटे व कमजोर बनते हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 10 Dec, 2025 | 12:31 PM

Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में केले की खेती करने वाले किसान इन दिनों भारी संकट से जूझ रहे हैं. केले के दाम मार्केट में इतने गिर गए हैं कि किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. साथ ही केले की फसल में बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं. इससे फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में किसानों का कहना है कि अगर समय रहते फसल को रोगों से नहीं बचाया गया, तो पूरे बागान में बीमारियां फैल जाएगी. इससे पूरे फसल चौपट हो सकती है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदुकुरुपेटा, बुच्ची, मुत्तुकुर, ठोटापल्लीगुदुर, कालुवायी और विन्जमूर मंडलों में लगभग 3,710 एकड़ में बंगला, अमृतपानी और हरी केला किस्मों  की खेती होती है. किसानों का आरोप है कि पिछले एक महीने से व्यापारियों ने मिलकर दाम कम कर दिए हैं. बंगला को सिर्फ 7 रुपये किलो और अमृतपानी व हरी केला को 10 रुपये किलो में खरीद रहे हैं, जबकि बाजार में यही केले 40 से 50 रुपये किलो बिक रहे हैं. एक एकड़ पर करीब 1 लाख रुपये की लागत होने के कारण किसानों का नुकसान लगातार बढ़ रहा है और स्थिति संभालना मुश्किल हो रहा है.

केले के खेत पनामा वायरस से संक्रमित हो रहे

किसानों का कहना है कि हालात और खराब हो गए हैं क्योंकि कई केले के खेत पनामा वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. इस बीमारी से पौधों की बढ़वार रुक जाती है और फल छोटे व कमजोर बनते हैं. किसानों का कहना है कि कई बार दवा छिड़कने के बावजूद बीमारी पर रोक नहीं लग रही. स्थानीय किसान टी. सुब्रमण ने बताया कि दो एकड़ में फसल पर 2 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी उन्हें भारी नुकसान  उठाना पड़ा.

प्रति एकड़ करीब 40,000 रुपये का नुकसान

उन्होंने कहा कि मुझे प्रति एकड़ करीब 40,000 रुपये का नुकसान हुआ. जब दाम गिरते हैं, तब सरकार को खरीददारी कर किसानों को राहत देनी चाहिए, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिले भर के किसान तुरंत सरकारी हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं, जिसमें न्यूनतम मूल्य  सहायता और बीमारी रोकने के प्रभावी उपाय शामिल हैं. किसानों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो नेल्लोर में केले की खेती और भी तेजी से घाटे में जा सकती है. 

केले के पत्तों की कीमत कई गुना बढ़ गई

वहीं, तमिलनाडु में तेज आंधी से सैकड़ों एकड़ केले के खेत खराब हो गए, जिसके कारण केले के पत्तों की कीमत कई गुना बढ़ गई है. इससे होटल व्यवसायियों और शादी आयोजकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बीते सोमवार को 200- 240 पत्तों का एक बंडल 3,200 से 3,500 रुपये में बिक रहा था, जबकि बाजार में पांच पत्तों का सेट 80 से 90 रुपये तक पहुंच गया था.

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