देश में मानसून की धीमी चाल अब असर दिखाने लगी है। बीते दो हफ्तों से लगातार बढ़ रहा जलाशयों का जलस्तर इस हफ्ते थम गया है, बल्कि कुछ जगहों पर हल्की गिरावट भी दर्ज की गई है। यह खबर भले ही चिंता पैदा करे, लेकिन तस्वीर उतनी भी डरावनी नहीं है. जल स्तर में गिरावट जरूर है, मगर अब भी आंकड़े बीते वर्षों से बेहतर हैं. चलिए जानते हैं देशभर के जलाशयों का हाल.
अब क्या कह रहे हैं ताजा आंकड़े?
देशभर के 161 बड़े जलाशयों का कुल जल भंडारण इस हफ्ते 55.519 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) रहा है, जो कुल क्षमता का लगभग 30.43 फीसदी है. ये पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा और पिछले 10 साल के औसत से 30 फीसदी अधिक है. यानी, अभी भी स्थिति संतुलित है.
बारिश कम, पर उम्मीद बाकी है
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 1 जून से 11 जून तक देश के 728 जिलों में से 72 फीसदी में सामान्य से कम बारिश हुई है. यह उस समय की बात है जब देश ने 21 मई को मानसून के जल्दी आगमन की उम्मीद जताई थी. हालांकि, कुछ राज्यों में बारिश से जल संग्रहण में सुधार भी देखने को मिला है खासकर कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में.
किस राज्य में कितना जल?
उत्तर भारत: हिमाचल में जल संग्रहण 15 फीसदी, पंजाब में 40.78 फीसदी, राजस्थान में 51.56 फीसदी है.
पूर्वी भारत: बंगाल में 28 फीसदी, ओडिशा में 17 फीसदी और पूर्वोत्तर राज्यों में 60 फीसदी से अधिक जल संग्रहण.
पश्चिम भारत: गुजरात में जल संग्रहण 30.86 फीसदी और महाराष्ट्र में 29 फीसदी है.
मध्य भारत: मध्यप्रदेश के बांध लगभग 30 फीसदी तक भर गए हैं, जबकि उत्तराखंड में सबसे कम, सिर्फ 11.85 फीसदी जलस्तर दर्ज किया गया है.
दक्षिण भारत: तमिलनाडु में सबसे बेहतर स्थिति है, यहां 76 फीसदी जलस्तर, जबकि केरल में 39.07 फीसदी, तेलंगाना में 32.62 फीसदी और कर्नाटक में 32.47 फीसदी जलस्तर है.
कृषि को क्या होगा असर?
हालांकि फिलहाल जलाशयों में मामूली गिरावट देखी गई है, लेकिन अच्छी खबर ये है कि मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जताया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ हफ्तों में जलस्तर में फिर से सुधार होगा. इससे खरीफ फसलों की बुवाई और उत्पादन दोनों को ही मजबूती मिलेगी.