हरियाणा में बेल वाली सब्जियों की खेती पर मिलेगी भारी सब्सिडी, जानें कैसे उठाएं फायदा

अगर आप भी किसान हैं और बेल वाली सब्जियों की खेती करना चाहते हैं तो अपने जिले के बागवानी विभाग या कृषि अधिकारी से संपर्क करें.

नई दिल्ली | Published: 9 Jun, 2025 | 10:56 AM

हर दिन बदलते मौसम और बढ़ती लागत के बीच अगर आप किसान हैं और सब्जियों की खेती से बेहतर मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. हरियाणा में अब बेल वाली सब्जियों जैसे घीया, तोरी, करेला, भिंडी जैसी फसलों को उगाने के लिए सरकार नई तकनीक और अनुदान योजनाएं लेकर आई है. अब किसान बंबू स्टैकिंग और आयरन स्टैकिंग तकनीक अपनाकर न सिर्फ मेहनत बचा सकते हैं, बल्कि सरकार से अच्छा खासा आर्थिक सहयोग (सब्सिडी) भी पा सकते हैं.

सरकार कर रही है मदद

इन दिनों करनाल जिले में असंध, निसिंग और नीलोखेड़ी जैसे इलाकों में बेल वाली सब्जियों की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है. हर घर में सब्जियों की जरूरत होती है, और जब किसान इन्हें तकनीकी तरीके से उगाते हैं, तो पैदावार ज्यादा और नुकसान कम होता है. दरअसल, जुलाई-अगस्त में घीया, करेला, तोरी, भिंडी जैसी फसलें लगाई जा सकती हैं. ये फसलें 4–5 महीने में तैयार हो जाती हैं यानी जनवरी-फरवरी तक बाजार में अच्छी कीमत दिला सकती हैं.

बंबू स्टैकिंग तकनीक

बंबू स्टैकिंग तकनीक में बांस और तारों की मदद से सब्जियों की बेलों को ऊपर चढ़ाया जाता है, जिससे फल जमीन से नहीं सटते और खराब नहीं होते. इससे फसल स्वस्थ और साफ-सुथरी रहती है. सरकार इस तकनीक पर प्रति एकड़ 46,250 रुपये तक का अनुदान देती है. एक किसान अधिकतम ढाई एकड़ तक का लाभ ले सकता है.

आयरन स्टैकिंग तकनीक

इस तकनीक में लोहे की रॉड (एंगिल) का इस्तेमाल किया जाता है. ये रॉड बहुत मजबूत होते हैं और कई सालों तक खराब नहीं होते. अगर किसान इस तकनीक से बेल वाली सब्जियां उगाते हैं, तो सरकार उन्हें प्रति एकड़ 70,500 रुपये तक की मदद देती है (250 एंगिल के लिए). इसके अलावा सब्जी लगाने के लिए 15,000 रुपये प्रति एकड़ ज्यादा सहायता मिलती है. इस तरह किसान को कुल 85,500 रुपये तक की सरकारी मदद मिल सकती है.

किसान क्या करें?

अगर आप भी किसान हैं और बेल वाली सब्जियों की खेती करना चाहते हैं तो अपने जिले के बागवानी विभाग या कृषि अधिकारी से संपर्क करें. अनुदान के लिए आवेदन समय पर करें और जरूरी दस्तावेज रखें तैयार.