किसानों को ठगी से बचाने के लिए सरकार लाई लैंड पूलिंग पॉलिसी, पढ़ें डिटेल्स

पंजाब सरकार ने किसानों को ठगी से बचाने और अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाने के लिए 'लैंड पूलिंग पॉलिसी' शुरू की है. इसमें किसान स्वेच्छा से जमीन देकर विकसित भूखंड वापस पा सकेंगे.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 23 May, 2025 | 04:12 PM

पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने प्रदेश में गैर-कानूनी कॉलोनियों के निर्माण को रोकने और जमीन के मालिक किसानों को ठगी से बचाने के लिए’लैंड पूलिंग पॉलिसी’ की शुरुआत की है. अब किसान ‘लैंड पूलिंग पॉलिसी’ के तहत अपनी जमीन सरकार को दे सकते हैं.सरकार उस जमीन पर सड़कें, सीवरेज और अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित कर उसे बाजार में बेचेगी. उस जमीन में किसान को 1,000 गज का घर या कमर्शियल प्रॉपर्टी बनाने के लिए भी हिस्सा दिया जाएगा. खास बात यह है कि सरकार किसानों को जमीन का मूल्य बाजार दर के बराबर देगी.

‘लैंड पूलिंग पॉलिसी’ की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सरकार की एक अहम योजना है, जिसका मकसद राज्य में कई नए टाउनशिप विकसित करना है. उन्होंने कहा कि यह नीति लंबे समय से तैयार की जा रही थी, क्योंकि आर्थिक तंगी से जूझ रही पंजाब सरकार राजस्व बढ़ाने के नए रास्ते तलाश रही है. मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत कई शहरों के पास टाउनशिप विकसित की जाएंगी. लुधियाना के आसपास ही करीब 24,000 एकड़ कृषि भूमि इसके लिए इस्तेमाल की जा सकती है.

विपक्षी पार्टियों ने किया विरोध

हालांकि, इस योजना को लेकर विपक्षी पार्टियों ने कड़ा विरोध जताया है. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने चेतावनी दी है कि यह कदम पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और किसानों को जमीन से बेदखल कर उन्हें मजदूर बना देगा. हालांकि, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि यह नीति शहरी विकास को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि यह नीति पहले की नीतियों से अलग है और इसमें किसानों की स्वेच्छा को प्राथमिकता दी गई है.

वित्त मंत्री ने गिनवाए योजना के फायदे

चीमा ने कहा कि इस योजना के तहत किसी की जमीन जबरदस्ती नहीं ली जाएगी. हमने ऐसा मॉडल तैयार किया है जो किसानों और जमीन मालिकों के अधिकार और उम्मीदों का सम्मान करता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति में पूरी तरह से स्वैच्छिक भागीदारी होगी. चीमा के मुताबिक, यह पहल शहरी इलाकों में किफायती मकानों की बढ़ती मांग को पूरा करेगी. उन्होंने दावा किया कि बाजार के अनुमान बताते हैं कि जो किसान इस योजना में शामिल होंगे, उन्हें अपनी जमीन पर 400 फीसदी तक का मुनाफा हो सकता है.

जमीन का विकास सरकारी एजेंसियां करेंगी

चीमा ने कहा कि pooled (इकट्ठा की गई) जमीन का विकास सरकारी एजेंसियां करेंगी, जिसमें सड़कें, पानी की आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज और बिजली जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि जमीन का विकास होने के बाद उसे मालिकों को उनके योगदान के अनुसार वापस दे दिया जाएगा. विकसित जमीन की कीमत में काफी बढ़ोतरी होगी. जमीन मालिक इस जमीन का इस्तेमाल अपनी मर्जी से कर सकेंगे, चाहे वे खुद उपयोग करें या बेच दें.

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Published: 23 May, 2025 | 03:54 PM

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