29 मई से शुरू हुए विकसित कृषि संकल्प अभियान के चौथे दिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान उत्तर प्रदेश के मेरठ पहुंचे और किसानों से बात की. यहां पर उन्होंने कहा कि मेरे रोम रोम में किसान हैं और हर सांस में खेती है. इसलिए, मैं दिल्ली में नहीं बैठता. मैं आपके पास आया हूं. बता दें कि अभियान के 3 दिनों के दौरान 8 लाख से ज्यादा किसानों से कृषि वैज्ञानिकों ने मुलाकात की है और उन्हें उन्नत खेती के साथ अच्छे बीजों के चयन और उर्वरक छिड़काव मात्रा समेत नई कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी है. कृषि मंत्री ने कहा कि हम एकीकृत फार्म बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें अगर किसान के पास एक हेक्टेयर जमीन है तो उसमें वो अनाज, फल, सब्जी सब्जी भी पैदा करे. साथ ही पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन भी करें.
विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज उत्तर प्रदेश के मेरठ पहुंचे. यहां उन्होंने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि आज हम अपने किसान भाईयों के बीच आए हैं और हमारे साथ यहां कृषि वैज्ञानिक भी आए हैं. यह (कृषि वैज्ञानिक) एक टीम में यहां आए हैं ताकि किसानों से चौपाल में भी बातचीत हो और उन्नत खेती के लिए और अधिक प्रयास किए जा सकें. उत्पादन बढ़ाना, उसकी लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना और नुकसान ना हो यह सुनिश्चित करना, यह इसका उद्देश्य है.
मेरे रोम-रोम में किसान हैं और हर सांस में खेती है
किसानों से बातचीत करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब मैं मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री था, तो मैं अपने राज्य के बारे में सोचता था. जब से मैं केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री बना हूं, मेरे रोम-रोम में किसान हैं और हर सांस में खेती है’. इसलिए, मैं दिल्ली में नहीं बैठता. मैं आपके पास आया हूं. उन्होंने किसानों को खेती में उन्नत तकनीकों को अपनाने की सलाह दी.
हम ज्यादा उपज वाले बीज बना रहे
कृषि मंत्री ने कहा कि हम खेती में नित नए प्रयोग करने का प्रयास कर रहे हैं. हमने सीड बैंक बनाया है और नए उन्नत बीज विकसित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने धान की ऐसी किस्में बनाई हैं, जिनसे 30 फीसदी उत्पादन बढ़ जाएगा और पानी की लागत 20 फीसदी घट जाएगी. उन्होंने कहा कि हम तो धरती को धरती माता कहते हैं. लेकिन, केमिकल्स इस्तेमाल करके धरती की कोख खराब कर रहे हैं. हमें मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए कंपोस्ट खाद और हरी खाद को बढ़ावा देना चाहिए.
खेती के साथ पशुपालन, मछली और मधुमक्खी पालन करें
उन्होंने कहा कि हम एकीकृत फार्म बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें अगर किसान के पास एक हेक्टेयर जमीन है तो उसमें वो अनाज, फल, सब्जी सब्जी भी पैदा करे. साथ ही पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन भी करे, जिससे उसकी खेती फायदे की बन जाए. ग्रामीण विकास की दृष्टि से देखें तो कनेक्टिविटी जरूरी है, लेकिन गरीब का घर भी जरूरी है. पीएम आवास योजना के अंतर्गत 4 करोड़ घर बन गए, उज्ज्वला रसोई गैस कनेक्शन दिए गए , गांवों में हर घर पाइप लाइन बिछाकर शुद्ध पीने का पानी देने का महाअभियान चल रहा है। ये एकात्म मानव दर्शन का ही हिस्सा है.
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