उत्तराखंड के किसानों के लिए खेती में आधुनिक कृषि मशीनों को इस्तेमाल करना अब आसान होगा. प्रदेश सरकार की कृषि यंत्र योजना के तहत जिन किसानों ने आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी पाने के लिए आवेदन किया था वे अब योजना की पहली किस्त के तहत अपनी जरूरत के अनुसार कृषि मशीन का चुनाव कर सकेंगे. जिसकी जानकारी उत्तराखंड कृषि विभाग ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है. आवेदन करने वाले किसान कृषि विभाग द्वारा जारी किए ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर मशीन का चुनाव कर सकेंगे. इस योजना के पीछे प्रदेश सरकार का उद्देश्य किसानों को खेती में आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल का बढ़ावा देना है. साथ-साथ प्रदेश की कृषि क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा.
25 अगस्त से शुरू होगी आवंटन प्रक्रिया
जिन किसानों ने प्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी के तहत आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद के लिए आवेदन किया था वे 25 अगस्त को सुबह 11 बजे कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार इस्तेमाल की जाने वाली मशीन का चुनाव कर सकेंगे. इस योजान के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने वाले किसान, फार्म मशीनरी बैंक और व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल करने वाले किसानों को मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी. किसान मशीनों का चुनाव ऑनलाइन कर सकेंगे. योजना में किसी तरह की कोई गड़बड़ी ने हो इसके लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी रखा गया है.
ऑनलाइन कर सकेंगे चुनाव
सरकार द्वारा मशीनों के आवंटन के बाद किसान कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल www.agricmachinery.nic.in पर जाकर अपनी पसंद की मशीन का चुनाव कर सकते हैं. चुनाव की प्रक्रिया 25 अगस्त 2025 को सुबह 11 बजे के बाद से शुरू होगी. योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी लेने के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि अधिकारी, जिला कृषि कर्यालय या फिर विकासखंड कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. चुनाव के दौरान किसानों को सहूलियत दी जाएगी कि वे पोर्ट्ल पर जाकर अपनी जरूरत के अनुसार आधुनिक कृषि यंत्र का चुनाव कर सकते हैं.
किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
प्रदेश सरकार की इस योजना के माध्यम से किसानों को महंगे कृषि यंत्र कम कीमत में मिलेंगे. इससे न केवल खेतों की जुताई, बुवाई, सिंचाई और कटाई का काम आसान होगा, बल्कि समय और लागत दोनों की बचत भी होगी. सरकार का उद्देश्य है कि किसान आधुनिक तकनीक से जुड़ें और खेती को ज्यादा लाभदायक बना सकें. ऐसा करने से न केवल किसानों को अपनी फसलों से बेहतर और उन्नत क्वालिटी का उत्पादन मिलेगी, बल्कि किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी. ऐसे में किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेंगे.