अब खरपतवार से फसल नहीं होगी बर्बाद, बस खेतों में डाल दें ये देसी घोल

खरपतवारों के नियंत्रण के लिए किसान आसानी से कम खर्च में जैविक घोल तैयार कर सकते हैं. जैविक खेती में किसानों की केमिकल कीटनाशकों पर निर्भरता न के बराबर हो जाती है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 24 Aug, 2025 | 05:12 PM

फसलों की अच्छी ग्रोथ और उनसे अच्छी पैदावार लेने के लिए बेहद जरूरी है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में पोषण और खाद दी जाए. किसान अपनी फसलों को पोषण देने के लिए बाजार से महंगी केमिकल खाद का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन फिर भी उन्हें मन मुताबिक परिणाम नहीं मिलता है. बरसात के दिनों में नमी के कारण फसलों में खरपतवारों और कीटों का खतरा बढ़ जाना आम बात है. ऐसे में खेतों में बढ़ने वाले खरपतवार किसानों के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर देते हैं. इनके प्रकोप से न केवल फसल बर्बाद होती है, बल्कि किसानों को भी भारी मुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान फसलों पर जैविक खाद का इस्तेमाल करें, ताकि खरपतवारों को कंट्रोल किया जा सके.

फसलों का पोषण खाते हैं खरपतवार

खेतों में बरसात के दिनों में बढ़ जाने वाले खरपतवार फसलों के लिए बेहद ही खतरनाक साबित होते हैं. अगर समय रहते इन खरपतवारों को न रोका जाए तो ये फसलों को दिया जाने वाला सारा पोषण खुद लेकर फसल को पूरी तरह से चौपट कर देते हैं. ऐसे में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे समय रहते इन खरपतवारों को नष्ट करने के लिए जरूरी उपाय अपना लें, ताकि फसल भी बच सके और किसानों का नुकसान भी न हो. ऐसे में अगर किसान जैविक खाद का इस्तेमाल करें तो ज्यादा बेहतर होगा. जैविक खाद पर्यावरण को भी शुद्ध बनाए रखने में मदद करती है, यही कारण है कि सरकार भी किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने लगी है.

इस जैविक घोल का करें इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खरपतवारों के नियंत्रण के लिए किसान आसाना से कम खर्च में जैविक घोल तैयार कर सकते हैं. इस घोल को तैयार करने के लिए आपको 200 लीटर पानी में  2 किलो गुड़ और आर्गेनो डी कंपोजर मिलाकर उसका अच्छी तरह से घोल बना लें. एक बार घोल तैयार हो जाए तो इसे स्प्रे बोतल में भर लें. इसके बाद इस जैविक घोल का अपनी फसलों पर छिड़काव करें. ये घोल खेतों में उगने वाली खरपतवारों को नियंत्रित करने में मदद करता है.

जैविक खेती के फायदे

जैविक खेती करने का सबसे बड़ा फायदा है कि किसानों को केमिकल फ्री उत्पादन मिलता है. ये उत्पाद पोषण से भरपूर होते हैं. जैविक खेती में किसानों की केमिकल कीटनाशकों पर निर्भरता न के बराबर हो जाती है. जिससे न केवल फसल और पर्यावरण को फायदा पहुंचता है, बल्कि आर्थिक रूप से किसानों की भी बचत होती है. इसके अलावा जविक खेती में मिट्टी की बनावट में सुधार आता है और मिट्टी को सही पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं. फसलों की तेज ग्रोथ के साथ ही फल, फूल और बीजों की क्वालिटी में भी सुधार आता है.

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