देशभर में कई किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर फलदार पेड़ों की बागवानी की ओर बढ़ रहे हैं. आम, लीची और केले के बाद अब अमरूद की उन्नत किस्मों की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा दे रही है. इन्हीं में से एक है वीएनआर (VNR) किस्म का अमरूद, जो साल में दो बार फल देता है और बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है. इस किस्म की खेती से किसान सालाना लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं.
खेती को बनाया करियर, मिल रही बड़ी आमदनी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक किसान ने पारंपरिक नौकरी छोड़कर बागवानी को अपनाया और लगभग ढाई एकड़ भूमि पर वीएनआर अमरूद के लगभग 1000 पौधे लगाए. इन पौधों को 10×10 फीट की दूरी पर मेढ़ बनाकर लगाया गया है. नियमित कटिंग के जरिए पौधे छतरी के आकार में विकसित हो जाते हैं, जिससे ज्यादा फल निकलते हैं.
ड्रिप सिंचाई और पोषक तत्वों से बेहतर उत्पादन
इस खेती में सिंचाई के लिए ड्रिप एरिगेशन सिस्टम का उपयोग किया गया है, जिससे पानी की बचत के साथ पौधों को सही मात्रा में नमी मिलती है. पौधों को समय-समय पर जरूरी पोषक तत्व दिए जाते हैं, जिससे उनका विकास मजबूत और स्वस्थ होता है. इस तकनीक से तैयार अमरूद का आकार बड़ा होता है और स्वाद भी बेहतर होता है.
साल में दो बार फल, बाजार में ऊंचे दाम
वीएनआर किस्म की खास बात यह है कि इससे साल में दो बार फल मिलते हैं. अगर अक्टूबर-नवंबर में कटिंग की जाए, तो सावन के समय फल तैयार हो जाते हैं. इस तरह एक ही पौधे से दो बार उत्पादन संभव होता है. यह अमरूद बाजार में 60 से 80 रुपये प्रति किलो तक बिकता है और एक फल का वजन 400 ग्राम से 1 किलो तक होता है.
पैकेजिंग और स्वाद से बढ़ी मांग
इस किस्म के अमरूद को खास तरीके से पैक किया जाता है-फोम की जाली, पॉलीथिन और कागज की परत से. इससे फल मौसम की मार से बचा रहता है और उसकी गुणवत्ता बनी रहती है. इसमें बीज बहुत कम होते हैं और शुगर की मात्रा भी कम होती है, जिससे यह स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होता है. बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है.
सेहत के लिए लाभकारी, पोषण से भरपूर
वीएनआर अमरूद में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है और डायजेशन से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद है. इसके नियमित सेवन से शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है, जिससे यह उपभोक्ताओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.