धान की फसल में अजीबोगरीब वायरस का प्रकोप, रूक गया है पौधों का विकास.. ऐसे करें उपचार

कांगड़ा के रैट ब्लॉक में धान की फसल में 'बोना वायरस' का संक्रमण पाया गया है, जिससे किसानों में चिंता है. यह वायरस पौधों की वृद्धि रोक देता है और फसल समय से पहले खराब हो जाती है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 24 Aug, 2025 | 11:00 AM

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रैट ब्लॉक के कई गांवों में धान की फसल में ‘सदर्न राइस ब्लैक स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस’ का संक्रमण पाया गया है. इससे फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में किसानों और कृषि विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ गई है. जबकि, किसानों का कहना है कि अगर समय रहते इस वायरस को उपचार नहीं किया गया, तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी. वहीं, कृषि विभाग की टीमें खेतों का सर्वे कर रही हैं, किसानों को कीट प्रबंधन की सलाह दे रही हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को शाहपुर के विधायक और डिप्टी चीफ व्हिप केवल सिंह पठानिया कृषि विशेषज्ञों की टीम के साथ प्रभावित इलाके पुहाड़ा गांव का दौरा किया. उन्होंने किसानों से बातचीत की और नुकसान का जायजा लिया. साथ ही वायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की. पठानिया ने किसानों से कहा कि यह बीमारी फसल की बढ़त को गंभीर रूप से प्रभावित करती है. इस वायरस से संक्रमित पौधे सामान्य ऊंचाई के सिर्फ एक-तिहाई तक ही बढ़ पाते हैं, जड़ें कमजोर हो जाती हैं और फसल समय से पहले नष्ट हो सकती है. खास बात यह है कि यह बीमारी एक कीट ‘व्हाइट बैक्ड प्लांट हॉपर’ के जरिए फैलती है और इसे स्थानीय भाषा में ‘बोना वायरस’ के नाम से भी जाना जाता है.

2,930 हेक्टेयर में होती है धान की खेती

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कांगड़ा जिले के रैट ब्लॉक में 2,930 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की गई है. जिन गांवों में ‘बोना वायरस’ का संक्रमण पाया गया है उनमें प्रेई, लदवाड़ा, 45 मील, बसनूर, डर्गेला, पुहाड़ा और नेरटी शामिल हैं, जबकि बोह, दरिणी और चंगर इलाकों में अभी तक इसके लक्षण नहीं मिले हैं. यह बीमारी अभी शुरुआती चरण में है और कृषि विभाग इसे रोकने के लिए सक्रिय हो गया है.

सब्सिडी पर मिलेगा कीटनाशक

कृषि विभाग की टीमें खेतों का सर्वे कर रही हैं, किसानों को कीट प्रबंधन की सलाह दे रही हैं और नुकसान को कम करने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी पर कीटनाशक उपलब्ध करा रही हैं. साथ ही किसानों को समय पर लक्षण पहचानने और तुरंत कार्रवाई करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

कृषि विभाग कार्यालय को सूचित करें

विधायक केवल सिंह पठानिया ने किसानों से अपील की कि यदि वे फसल में कोई भी असामान्य लक्षण देखें तो तुरंत नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय को सूचित करें. उन्होंने कहा कि समय पर कीट नियंत्रण बेहद जरूरी है. किसान तकनीकी सलाह लेने में देर न करें. इस बीच कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर इस वायरस पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह क्षेत्र में धान की पैदावार और किसानों की आमदनी पर गंभीर असर डाल सकता है.

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Published: 24 Aug, 2025 | 10:53 AM

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