दिल्ली सरकार यमुना नदी को साफ और जीवंत बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक 45 सूत्री एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है. इस योजना का मकसद यमुना को प्रदूषणमुक्त कर उसका इको-सिस्टम पुनर्जीवित करना और दिल्लीवासियों के लिए इसे सुंदर बनाना है.
योजना में क्या-क्या होगा?
इस योजना में नालों के गंदे पानी को साफ करने, सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने, नए और आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने, कचरा प्रबंधन करने, बारिश के पानी को सही तरीके से संभालने, नदी किनारे विकास करने और लोगों को जागरूक करने जैसे काम शामिल हैं.
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का सुधार
यमुना में बिना साफ किए गंदा पानी जाने से रोकने के लिए 8 पुराने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को बेहतर बनाया जा रहा है. इसके साथ ही 13 नए छोटे-छोटे ट्रीटमेंट प्लांट और 27 अतिरिक्त प्लांट बनाए जाएंगे. इससे सभी नालों का गंदा पानी पूरी तरह साफ होकर ही नदी में जाएगा.
ड्रेनेज सिस्टम और जलभराव का समाधान
दिल्ली में 8000 करोड़ रुपये की लागत से 303 ड्रेनेज प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इनमें नालों की मरम्मत, पानी जमा होने की समस्या का स्थायी हल, नए पंप हाउस बनाना और नालों की सफाई शामिल है. सरकार ने कहा है कि अनधिकृत कॉलोनियों में बारिश का पानी सीवर में जाने से रोकने के लिए भी तुरंत कदम उठाए जाएंगे.
यमुना सफाई को जन आंदोलन बनाएगी सरकार
सरकार यमुना की सफाई को सिर्फ सरकारी काम नहीं बल्कि एक जन आंदोलन बनाना चाहती है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे ताकि हर कोई नदी की सुरक्षा में मदद करे. मुख्यमंत्री खुद हर महीने सफाई के काम का जायजा लेंगी और नदी के अलग-अलग हिस्सों का दौरा करेंगी.
हर घर नल से जल मिशन भी पूरा होगा
दिल्ली सरकार प्रधानमंत्री मोदी के ‘हर घर नल से जल’ मिशन को सफल बनाने में भी पूरी मेहनत कर रही है. राजधानी में सभी लोगों तक साफ पानी पहुंचाने पर खास ध्यान दिया जा रहा है. जल बोर्ड की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाया जा रहा है ताकि पानी की आपूर्ति सही और बराबर हो.
यमुना की सफाई का हाल
दिल्ली में यमुना नदी की सफाई के लिए कई काम हो रहे हैं. नालों का सर्वे किया जा रहा है, प्रदूषण की जांच के लिए जगह-जगह पानी के नमूने लिए जा रहे हैं. नदी से जलकुंभी हटाने और नदी के तल को साफ करने के लिए मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है.