बरसात में तेजी से बढ़ते हैं खरपतवार, समय रहते कर लें ये काम नहीं तो चौपट हो जाएगी फसल

किसी भी फसल के लिए उसकी बुवाई के बाद का शुरुआती समय बेहद ही संवेदनशील होता है. इसलिए बुवाई के बाद शुरुआती 30 से 40 दिनों तक किसान अपनी फसलों की अच्छे से निगरानी करें, उनकी देखभाल करें.

नोएडा | Published: 17 Aug, 2025 | 09:20 PM

मॉनसून की शुरुआत होते ही किसान खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देते हैं. देशभर के ज्याजातर राज्यों में किसान फसल बुवाई का काम कर चुके हैं. इस मौसम में किसान ऐसी फसलों का चुनाव करते हैं जो कि बारिश आधारित होती हैं. लेकिन इन दिनों खेत में बढ़ती नमी और गिरते तापमान के कारण खेतों में खरपतवार तेजी से बढ़ने लगते हैं, जिसके कारण फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान होने का खतरा बना रहता है.

बता दें कि, अगर समय रहते इन खरपतवारों को न रोका जाए तो ये फसलों को दिया जाने वाला सारा पोषण खुद लेकर फसल को पूरी तरह से चौपट कर देते हैं. ऐसे में किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे समय रहते इन खरपतवारों को नष्ट करने के लिए जरूरी उपाय अपना लें. ताकि फसल भी बच सके और किसानों का नुकसान भी न हो.

फसलों की नियमित निगरानी है जरूरी

किसी भी फसल के लिए उसकी बुवाई के बाद का शुरुआती समय बेहद ही संवेदनशील होता है. इसलिए बुवाई के बाद शुरुआती 30 से 40 दिनों तक किसान अपनी फसलों की अच्छे से निगरानी करें, उनकी देखभाल करें. क्योंकि बुवाई के बाद के ये शुरुआती 30 से 40 दिनों में खरपतवारों के बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है क्योंकि इस दौरान खरपतवार तेजी से बढ़ते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में अगर किसान फसल की अच्छे से नियमित रूप से निगरानी करेंगे तो खरपतवारों के उगने की शुरुआत में ही उन्हें नष्ट किया जा सकेगा.

हाथ से करें निराई-गुड़ाई

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर किसान जैविक तरीके से खेती कर रहे हैं तो खरपतवारों को आसान से नष्ट कर सकते हैं. बरसात के दिनों में बारिश होने के बाद जब मिट्टी हल्की सी गीली हो तो उस समय हाथ से या खुरपी से खरपतवारों को उखाड़ना आसान होता है. इसलिए हाथ से ही खेत की निराई-गुड़ाई करें. इसके अलावा जिन फसलों की बुवाई कतार में की गई हो उनके खेत की मिट्टी को पलट देने से भी खरपतवारों को नष्ट करने में मदद मिलती है. इन फसलों में मक्का, सोयाबीन, कपास आदि शामिल हैं. जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए खरपतवारों से छुटकारा पाने का ये सबसे आसान और कारगर उपाय है.

मल्चिंग विधि से करें खेती

खेत में फसलों को मल्चिंग विधि से उगाकर खरपतवारों को बढ़ने से रोका जा सकता है. बता दें कि, धान की भूसी, पुआल, गन्ने के पत्ते या पॉलीथिन शीट खरपतवारों को उगने से रोकती हैं. इस तरह से खेत में नमी भी बनी रहती है और खरपतवार भी पनप नहीं पाते हैं.  किसान चाहें तो खरपतवारों को कंट्रोल करने के लिए केमिकल कीटनाशकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन कीटनाशकों का इस्तेमाल करने से पहले जरूरी है कि किसान ये जरूर जांच ले कि खेत की घास गीली न हो और दवा का चुनाव हमेशा खरपतवारों के अनुसार ही करें.

Published: 17 Aug, 2025 | 09:20 PM