बिना ज्यादा खर्च के शुरू करें रंगीन मछली पालन, पाएं 25 लाख तक सरकारी सब्सिडी

रंगीन मछली पालन एक कम लागत वाला लाभदायक व्यवसाय है, जिसमें सरकार PMMSY योजना के तहत 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी देती है. थोड़ी सी जमीन और ट्रेनिंग से युवा अच्छी कमाई कर सकते हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 17 Aug, 2025 | 04:25 PM

देश के युवा अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर कुछ नया करने की सोच रहे हैं. ऐसे में रंगीन मछली पालन यानी ऑर्नामेंटल फिश फार्मिंग एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रहा है. यह न केवल एक आकर्षक बिजनेस है, बल्कि इसमें कम लागत में अच्छी आमदनी भी संभव है. खास बात यह है कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत इसमें 50 फीसदी तक सब्सिडी भी मिल रही है. आइए जानते हैं कि रंगीन मछली पालन कैसे शुरू करें, इसमें कितना खर्च आता है, कितनी कमाई हो सकती है और सरकार से मिलने वाले लाभ क्या हैं.

रंगीन मछली पालन क्या है?

रंगीन मछली पालन, मछली पालन का एक ऐसा रूप है जिसमें रंग-बिरंगी, सजावटी मछलियों को पाला जाता है. ये मछलियां एक्वेरियम, तालाब या सीमेंट टैंकों में पाली जाती हैं और इनकी मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लगातार बढ़ रही है. गोल्डफिश, टेट्रा, एंजेल फिश, जेबरा डानियो और डिस्कस जैसी प्रजातियां बाजार में काफी लोकप्रिय हैं. भारत में करीब 2,500 रंगीन मछलियों की प्रजातियां उपलब्ध हैं, जिनमें से 60 फीसदी मीठे पानी में पाई जाती हैं. रंगीन मछलियों का वैश्विक रिटेल मार्केट करीब 10 अरब डॉलर का है और इसमें हर साल 10 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ देखी जा रही है.

लागत, कमाई और सब्सिडी की जानकारी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छोटे स्तर पर रंगीन मछली पालन की शुरुआत करने के लिए करीब 75,000 रुपये की लागत आती है. इसमें 25,000 रुपये टैंक व एक्वेरियम निर्माण पर और 50,000 रुपये अन्य खर्चों पर खर्च होते हैं. केवल बच्चे देने वाली मछलियों से 50,000 रुपये सालाना मुनाफा कमाया जा सकता है. अगर आप इसे बड़े स्तर पर शुरू करना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत आपको सब्सिडी मिल सकती है-

  • बैकयार्ड यूनिट के लिए 3 लाख रुपये तक की मदद.
  • मध्यम यूनिट के लिए 8 लाख रुपये.
  • समाकलित केंद्र के लिए 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी.
  • 50 फीसदी सब्सिडी रंगीन मछली प्रजनन यूनिट पर भी.

कैसे शुरू करें रंगीन मछली पालन?

इस बिजनेस की शुरुआत से पहले प्रशिक्षण लेना जरूरी है. आप किसी मत्स्य विभाग से ट्रेनिंग लेकर मछलियों की देखभाल, प्रजनन और बीमारी की पहचान जैसे जरूरी ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपको निम्नलिखित चीजों की जरूरत होगी-

  • कम से कम 1000 वर्ग फुट जमीन.
  • सीमेंट टैंक, पानी की नियमित आपूर्ति.
  • कांच का एक्वेरियम, वयस्क मछलियां.
  • दवाइयां , मछली पकड़ने का जाल.
  • पैकिंग के लिए प्लास्टिक थैलियां और ऑक्सीजन सिलेंडर.
  • पैलेट फीड मशीन, जनरेटर (बिजली की सुविधा हेतु).
  • बड़े पैमाने पर पालन के लिए 1 से 5 एकड़ तक की भूमि पर्याप्त होती है.

मछलियों का आहार और देखभाल

रंगीन मछलियों को स्वस्थ और आकर्षक बनाए रखने के लिए उन्हें संतुलित आहार देना जरूरी होता है. इनके लिए आहार में शामिल हो सकते हैं-

  • मूंगफली की खल, सोयाबीन की खल.
  • चावल का भूसा, झींगा मछली के सिर.
  • घरेलू रूप से तैयार किया गया पैलेट फीड.

साथ ही, मछलियों की अच्छी सेहत के लिए जल की गुणवत्ता बनाए रखना, टैंक की सफाई और सही तापमान बहुत जरूरी होता है. समय-समय पर ऑक्सीजन सप्लाई और बीमारियों की जांच करनी चाहिए.

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