अगस्त में मछलियों को खाना कम दें, वरना हो सकता है नुकसान- सरकार की चेतावनी

बारिश के मौसम में मछलियां कम आहार लेती हैं. बिहार सरकार ने मछली पालकों को सलाह दी है कि आहार की मात्रा आधी करें और बारिश में आहार न दें, ताकि नुकसान से बचा जा सके.

Kisan India
नोएडा | Published: 15 Aug, 2025 | 03:34 PM

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत मत्स्य निदेशालय ने अगस्त महीने के लिए मछली पालकों को कुछ अहम बातें बताई हैं. बरसात के मौसम में मछलियों के स्वास्थ्य और विकास पर असर पड़ता है, खासकर जब आसमान में बादल छाए रहते हैं या तेज बारिश होती है. ऐसे में मछली पालकों को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि उनकी मछलियों की सेहत अच्छी बनी रहे और उत्पादन में कोई कमी न आए.

बरसात में मछलियों की भूख कम हो जाती है

बिहार सरकार ने बताया है कि जब आसमान में बादल छाए रहते हैं या बारिश हो रही होती है, तो मछलियां आमतौर पर कम खाना खाती हैं. इसका सीधा असर उनकी सेहत और बढ़त पर पड़ता है. इसलिए मछली पालकों को चाहिए कि वे इस मौसम में मछलियों के व्यवहार पर खास ध्यान दें और उन्हें जबरदस्ती सामान्य मात्रा में खाना न दें.

जरूरत के हिसाब से ही भोजन दें

बादल वाले दिन या जब सूरज ठीक से नहीं निकलता, तब मछलियों की भूख बहुत कम हो जाती है. ऐसे में सरकार ने सलाह दी है कि पालक आहार की मात्रा को आधा कर दें. इससे न केवल मछलियों का पाचन ठीक रहेगा, बल्कि तलाब में पानी भी खराब नहीं होगा. अगर बारिश हो रही हो या बहुत अंधेरा हो तो आहार देना ही बंद कर देना चाहिए, क्योंकि मछलियां वैसे समय में खाना नहीं लेतीं.

ज्यादा भोजन देने से तालाब का पानी हो सकता है खराब

अगर बारिश के मौसम में मछलियों को जरूरत से ज्यादा खाना दे दिया जाए, तो बचा हुआ भोजन तालाब में सड़ने लगता है। इससे पानी की गुणवत्ता खराब हो जाती है और उसमें ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है. ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियों को सांस लेने में परेशानी होती है, जिससे वे बीमार पड़ सकती हैं या मर भी सकती हैं. इसके अलावा, पानी में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्व बढ़ सकते हैं, जो पूरी मछली की आबादी को खतरे में डाल सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि मछलियों को उतना ही खाना दें, जितना वे खा सकें.

सरकार की सलाह से मछली पालकों को होगा फायदा

बिहार सरकार की यह पहल बहुत सराहनीय है. हर मौसम के अनुसार अगर मछली पालक सरकारी सुझावों का पालन करेंगे, तो न केवल मछलियों की सेहत बेहतर होगी, बल्कि उत्पादन और मुनाफा भी बढ़ेगा। मत्स्य निदेशालय समय-समय पर इस तरह की सलाह जारी करता रहता है ताकि राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा मिल सके.

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