Dairy Business Subsidy : अगर आप गांव में रहते हैं और डेयरी शुरू करने का सपना देखते हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं. मध्यप्रदेश सरकार अब उन किसानों और युवाओं को बड़ा मौका दे रही है, जो अपना खुद का डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं. सरकार की डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना न सिर्फ डेयरी खोलने के लिए प्रेरित कर रही है, बल्कि उस पर भारी सब्सिडी भी दे रही है. ऐसी सब्सिडी जो आपके डेयरी शुरू करने के खर्च को काफी कम कर देगी और कमाई का रास्ता कई गुना आसान बना देगी. गांवों में लोग कहते हैं- जानवर हो, दूध हो, और बाजार हो तो मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. यही सोच अब सरकार भी आगे बढ़ा रही है.
डेयरी व्यवसाय पर सरकार का बड़ा दांव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में खेती के साथ-साथ पशुपालन हमेशा से किसानों की मजबूत कमाई का आधार रहा है. लेकिन हाल के वर्षों में युवाओं में भी डेयरी व्यवसाय की दिलचस्पी बढ़ी है. इसी को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना को शुरू किया. यह सिर्फ एक योजना नहीं बल्कि किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक मजबूत रास्ता है. योजना का सीधा मकसद है-गांवों में रोजगार बढ़ाना, दूध उत्पादन बढ़ाना और लोगों को कम निवेश में बड़ा काम शुरू करने का मौका देना.
क्या है कामधेनु योजना
यह योजना खास तौर पर उन लोगों के लिए बनी है जो अपनी डेयरी यूनिट स्थापित करना चाहते हैं. सरकार इसके तहत डेयरी बनाने के लिए अनुदान देती है. यदि कोई किसान 25 दुधारू पशुओं की यूनिट स्थापित करना चाहता है, तो योजना के तहत राज्य सरकार उसकी इकाई लागत का बड़ा हिस्सा खुद वहन करती है. इसका फायदा सीधे किसान की जेब में जाता है, क्योंकि शुरुआत में मशीनरी, शेड और पशु खरीदने में काफी पैसा लगता है. सरकार चाहती है कि कम लागत में अधिक से अधिक लोग पशुपालन से जुड़ें और अपनी कमाई को मजबूत करें.
कितनी मिलती है सब्सिडी
सब्सिडी इस योजना की सबसे बड़ी ताकत है. सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 33 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है. जबकि सामान्य वर्ग को 25 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है. डेयरी यूनिट की अधिकतम लागत 42 लाख रुपए तक मानी गई है, जिस पर सरकार अधिकतम 10 लाख रुपए तक का अनुदान दे सकती है. पशुपालन विभाग की मानें तो यह सब्सिडी किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है, क्योंकि शुरुआती निवेश कम हो जाता है. इसके अलावा बड़ी गौशालाओं के निर्माण पर भी 25 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है. ध्यान देने वाली बात है कि योजना का लाभ “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर दिया जा रहा है, इसलिए जल्दी आवेदन करना जरूरी है.
आवेदन के लिए क्या चाहिए
इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, ताकि किसान और युवा आसानी से घर बैठे आवेदन कर सकें. आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, भूमि दस्तावेज, किराया अनुबंध (यदि जमीन अपनी नहीं है), परियोजना रिपोर्ट और फोटो की जरूरत होती है. यदि आवेदक SC/ST वर्ग का है तो जाति प्रमाण पत्र भी जरूरी है. ये दस्तावेज सिर्फ औपचारिकताएं नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करते हैं कि सही व्यक्ति सही लाभ पाए.
आवेदन कैसे और कहां करें
अगर आप डेयरी शुरू करने का मन बना चुके हैं तो आपको बस dbaky.mp.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. वेबसाइट पर योजना के बारे में सारी जानकारी विस्तार से दी गई है. आवेदन पूरा करने के बाद पशुपालन विभाग आपकी परियोजना का मूल्यांकन करता है और योग्य पाए जाने पर सब्सिडी स्वीकृत करता है. यदि किसी को ऑनलाइन प्रक्रिया समझ नहीं आती तो वे सीधे पशुपालन और डेयरी विभाग के कार्यालय में जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.