धान की खेती में सिर्फ मेहनत नहीं, मैनेजमेंट चाहिए! जानिए सिंचाई का सही फॉर्मूला

धान की अच्छी पैदावार के लिए सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि समझदारी भरी सिंचाई भी जरूरी है. इसलिए धान की खेती में मेहनत के साथ सिंचाई का मैनेजमेंट भी उतना ही अहम है.

नोएडा | Published: 17 Jul, 2025 | 11:41 AM

धान की अच्छी पैदावार सिर्फ खेत में घंटों पसीना बहाने से नहीं होती. इसमें मेहनत के साथ-साथ मैनेजमेंट यानी समझदारी भरा सिंचाई प्लान भी जरूरी है. किसान अक्सर मानते हैं कि खेत में हर समय पानी भरा रहना चाहिए, लेकिन कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो यह आदत नुकसान भी पहुंचा सकती है. सही समय पर, सही मात्रा में पानी देना ही धान की उपज बढ़ाने की असली कुंजी है.

सिंचाई के साधन होते हुए भी धान के आधे खेत रह जाते हैं सूखे

उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के मुताबिक, राज्य में सिंचाई के साधन तो हैं, लेकिन इसके बावजूद सिर्फ 60 से 62 फीसदी धान के खेतों में ही पानी पहुंचता है. इससे फसल की पैदावार  पर असर पड़ता है. वहीं, धान एक ऐसी फसल है जिसे सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है, खासकर रोपाई के बाद, कल्ले फूटने, फूल आने और दाना बनने जैसे समय पर. इन अवस्थाओं में सिंचाई न हो तो फसल कमजोर हो जाती है.

फसल के इन चरणों में जरूरी है नमी

धान की फसल  में कुछ खास अवस्थाएं ऐसी होती हैं जब खेत में नमी या पानी बने रहना बेहद जरूरी होता है. जैसे कि रोपाई के बाद पहला सप्ताह, कल्ले फूटने का समय, बाली निकलना, फूल खिलना और दाना भरना. इनमें सबसे नाजुक अवस्था फूल खिलने की होती है. अगर इस समय खेत में पानी न हो तो पौधों को गंभीर नुकसान हो सकता है और फसल की उपज में भारी गिरावट आ सकती है.

धान में हर वक्त पानी भरा रहना कितना जरूरी

वैज्ञानिक परीक्षण बताते हैं कि खेत में लगातार पानी भरा रहना जरूरी नहीं है. बल्कि जरूरत से ज्यादा पानी कई बार हानिकारक साबित होता है. खेत की सतह से जब पानी अदृश्य हो जाए तो उसके एक दिन बाद 5 से 7 सेंटीमीटर तक सिंचाई करना सबसे उपयुक्त माना गया है.

सही सिंचाई करने के फायदे

  • फास्फोरस, लोहा और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व मिट्टी में आसानी से मिलते हैं.
  • खरपतवार (जंगली घास) कम उगते हैं.
  • जल की 30-40 फीसदी तक बचत होती है.
  • पौधों की जड़ें भी स्वस्थ रहती हैं.

ज्यादा पानी कब बनता है नुकसान?

कल्ले निकलते समय अगर खेत में 5 सेमी से ज्यादा पानी लंबे समय तक भर गया तो यह नुकसानदेह हो सकता है. इससे पौधे की ग्रोथ रुक सकती है और उत्पादन घट सकता है. जिन इलाकों में बारिश ज्यादा होती है या पानी जमा हो जाता है, वहां जल निकासी की व्यवस्था जरूरी है. अगर खेत में लंबे समय तक पानी जमा रहा तो जड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और फसल पर बुरा असर पड़ेगा.