धान की खेती का गेमचेंजर, अब कम पानी में ज्यादा मुनाफा देगी ये मशीन

Pulverising_Roller: पल्वराइजिंग रोलर मशीन धान की खेती में पानी की बचत और मिट्टी की बेहतर तैयारी सुनिश्चित करती है. इससे किसानों को कम खर्च में ज्यादा पैदावार और मुनाफा मिलने लगा है.

नोएडा | Updated On: 1 Jun, 2025 | 10:27 PM

धान की खेती भारत के कृषि क्षेत्र की रीढ़ है, लेकिन पानी की भारी मांग और मिट्टी की तैयारी में लगने वाला समय इसे चुनौतीपूर्ण बनाता है. पर अब किसान खुश हो सकते हैं क्योंकि एक नई तकनीक ‘पल्वराइजिंग रोलर’ ने धान की खेती का फॉर्मूला ही बदल दिया है. इस मशीन के जरिए न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि खेत की मिट्टी भी बेहतर तरीके से तैयार होती है, जिससे पैदावार में सुधार होता है.

पल्वराइजिंग रोलर से मिट्टी की सही तैयारी

पल्वराइजिंग रोलर एक ट्रैक्टर से जुड़ी मशीन है, जो कल्टीवेटर के साथ काम करती है. इस मशीन के ब्लेड लॉन घास काटने वाली मशीन की तरह हेलिकल पैटर्न में मिट्टी को पल्वराइज करते हैं. इसका असर ये होता है कि मिट्टी की सतह पर एक समान कठोरता आती है, जिससे खेत में पडलिंग की क्वालिटी बढ़ती है. बेहतर पडलिंग से खेत में पानी कम इस्तेमाल होता है और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है. यह रोलर खासतौर से धान की खेती के लिए तैयार किया गया है ताकि किसान कम संसाधन में ज्यादा उत्पादन कर सकें.

खर्च में कमी, मुनाफे में बढ़ोतरी

इस मशीन के आने से खेती में समय और ईंधन की बचत सबसे बड़ा लाभ होता है. पल्वराइजिंग रोलर मशीन से 20 से 35 प्रतिशत तक ईंधन की बचत होती है और 20 से 30 प्रतिशत तक काम में लगने वाला समय कम हो जाता है. मशीन की लागत लगभग 20 हजार रुपये है और यह प्रति घंटे 0.4 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर काम कर सकती है. पारंपरिक तरीके की तुलना में यह किसान के लिए प्रति हेक्टेयर 900 रुपये तक की लागत बचाता है. यानी किसान कम खर्च में ज्यादा उत्पादन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.

पानी की बचत और पर्यावरण की रक्षा

धान की खेती में पानी की बचत बड़ी जरूरत है क्योंकि पारंपरिक तरीके से खेती में भारी मात्रा में पानी की खपत होती है. पल्वराइजिंग रोलर से खेत में बेहतर पडलिंग होती है, जिससे 20 से 30 प्रतिशत तक पानी की बचत संभव है. कम पानी में बेहतर फसल उगाने का मतलब है सूखे जैसे हालात में भी खेती करना आसान और टिकाऊ बनाना. यह मशीन किसानों के लिए एक पर्यावरण हितैषी विकल्प भी साबित हो रही है.

Published: 1 Jun, 2025 | 10:27 PM