यूपी में खरीफ फसल की पैदावार बढ़ाने की तैयारी, सरकार ने तय किया 293 लाख टन का लक्ष्य

सरकार ने यह फैसला किया है कि अब किसानों को मोबाइल और सूचना तकनीक के जरिए खेती की नई तकनीकों, उन्नत बीजों और मिट्टी की देखभाल की जानकारी दी जाएगी.

नई दिल्ली | Updated On: 3 May, 2025 | 08:45 AM

उत्तर प्रदेश सरकार खरीफ फसलों के उत्पादन में बड़ा इजाफा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हाल ही में लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस बात की जानकारी दी कि सरकार ने खरीफ मौसम में खाद्यान्न उत्पादन को 256 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 293 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य तय किया है.

कृषि मंत्री ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और वे देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. उन्होंने एक नया नारा दिया “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान”. उन्होंने यह भी बताया कि पहले राज्य में अनाज की कमी रहती थी, लेकिन आज यूपी दूसरे राज्यों को भी अनाज भेज रहा है.

जानकारी अब मोबाइल पर

सरकार ने यह फैसला किया है कि अब किसानों को मोबाइल और सूचना तकनीक के जरिए खेती की नई तकनीकों, उन्नत बीजों और मिट्टी की देखभाल की जानकारी दी जाएगी. इससे किसान कम लागत में अच्छी फसल उगा सकेंगे.

जलवायु परिवर्तन से निपटने की खास योजना

इसी के साथ बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन के असर को देखते हुए सरकार ने किसानों के लिए खास तैयारी की है. इसके तहत:

  • फसल बीमा योजना का विस्तार होगा
  • कम पानी में ज्यादा पैदावार देने वाली फसलों को बढ़ावा मिलेगा
  • स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीक को बढ़ावा मिलेगा
  • वर्षा जल संचयन और भूजल संरक्षण पर ज़ोर दिया जाएगा

5 मई को चलेगा मिट्टी परीक्षण अभियान

राज्यभर में 5 मई को एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा, जिसमें कृषि विभाग की टीमें किसानों के खेतों की मिट्टी के नमूने लेंगी. इससे यह पता चलेगा कि खेत में कौन-से खाद की जरूरत है. इससे किसानों की लागत घटेगी और पैदावार बढ़ेगी.

जैविक खेती को बढ़ावा

योगी सरकार जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसानों को गोबर खाद, जीवामृत और देशी तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे रासायनिक खाद और कीटनाशकों का कम से कम इस्तेमाल करें.

ग्रामीण स्तर पर खेती को मजबूत करने की कोशिश

राज्य सरकार का फोकस अब स्थानीय बीज उत्पादन, देशी कृषि यंत्रों का निर्माण और कृषि आधारित छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने पर है. इससे गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे.

वैज्ञानिकों ने दिए उपयोगी सुझाव

गोष्ठी में मौजूद कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को मूंगफली, मक्का, तिल और अरहर की उन्नत किस्मों और खेती के तरीके बताए. साथ ही धान की सीधी बुवाई, खरपतवार नियंत्रण और फसल प्रसंस्करण की तकनीकों पर भी जानकारी दी.

Published: 3 May, 2025 | 08:22 AM