प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, देसी गाय खरीदने पर सरकार दे रही फ्री में 25 हजार.. साथ में परिवहन खर्च भी

हिमाचल सरकार प्राकृतिक खेती को बदस्तूर बढ़ावा दे रही है. देसी गाय खरीदने पर 25,000 रुपये की सब्सिडी मिल रही है. साथ ही 5,000 रुपये ट्रांसपोर्ट और 2,000 रुपये मंडी शुल्क भी सरकार देगी.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 8 Aug, 2025 | 03:37 PM

हिमाचल प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. प्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार पशुपालकों को भी आर्थिक रूप से मदद कर रही है. किसानों को दुधारू मवेशी खरीदने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस कोशिश से किसानों को काफी फायदा होगा. उनकी कमाई में इजाफा होगा और उनका जीवन स्तर पहले से बेहतर होगा. वे अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा पाएंगे.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार हमीरपुर जिले में प्राकृतिक खेती के तहत ‘हरित क्रांति’ चला रही है. जिले के 20,000 से ज्यादा किसानों ने अब प्राकृतिक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को स्वस्थ और ऑर्गेनिक फसलें मिल रही हैं. खास बात यह है कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गाय खरीदने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है. अगर किसान देसी गाय खरीदते हैं, तो 25, 000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी.

गाय के परिवहन पर मिलेंगे 5000 रुपये

साथ ही किसानों को गाय के परिवहन पर 5,000 रुपये और मंडी शुल्क के लिए 2,000 रुपये तक की सहायता राशि भी दी जा रही है. इसके अलावा गौशाला के फर्श बनाने और गोमूत्र एकत्रित करने की व्यवस्था पर 8,000 की मदद मिलती है. इस योजना का उद्देश्य किसानों को रसायन-मुक्त, प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित करना है, जिससे स्वास्थ्य भी सुधरे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे.

ATMA प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ. नितिन शर्मा ने कहा कि किसानों ने प्राकृतिक तरीके से 96 क्विंटल गेहूं, 53 क्विंटल मक्का और 9 क्विंटल हल्दी उगाकर बेची है. इन फसलों का एक हिस्सा किसान खुद भी इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि ये अधिक पोषक और रसायन मुक्त होती हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में सरकार इस टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अच्छा सहयोग दे रही है.

प्राकृतिक खेती से किसान भी खुश

डॉ. शर्मा ने कहा कि यह पहल हिमाचल प्रदेश में स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल खेती का नया दौर लेकर आ रही है. उन्होंने कहा कि किसान अब खेती में खर्च भी बचा रहे हैं और ऑर्गेनिक फसलों के लिए बेहतर दाम भी पा रहे हैं. सरकार की तरफ से दी जा रही सब्सिडी और फसल की सुनिश्चित खरीद किसानों को दोहरा फायदा दे रही है. ATMA प्रोजेक्ट से जुड़ी किसान शकुंतला देवी और सुषमा देवी (अमलाहड़ ग्राम पंचायत) और सुनील दत्त (धनेटा) कहते हैं कि प्राकृतिक खेती ने उनकी जिंदगी बदल दी है. सुषमा देवी ने कहा कि अब खेती में खर्च कम होता है और मुनाफा अधिक मिलता है. सुनील दत्त ने कहा कि पैसा जरूरी है, लेकिन सेहत उससे भी पहले है.

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Published: 8 Aug, 2025 | 03:30 PM

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