उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राहत की खबर है. सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन में बीमा कराने की अंतिम तारीख 7 जुलाई से बढ़ाकर अब 31 जुलाई कर दी है. यानी अब उन किसानों को भी मौका मिलेगा जो किसी वजह से समय पर आवेदन नहीं कर पाए थे. यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि फसल बीमा किसानों को मौसम की मार, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, सूखा या कीट रोग जैसे जोखिमों से आर्थिक सुरक्षा देता है. बहुत कम प्रीमियम में पूरी फसल का बीमा हो जाता है और नुकसान की स्थिति में सरकार से मुआवजा मिलता है.
फसल बीमा में प्रीमियम दर और सब्सिडी का फॉर्मूला?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसान की फसल पर बीमांकिक प्रीमियम दर (Actuarial Premium Rate) लागू होती है, जो बीमा कंपनी तय करती है. लेकिन किसान को इस पूरी राशि का भुगतान नहीं करना होता. उसे सिर्फ एक तय दर पर प्रीमियम देना होता है, बाकी राशि सरकार सब्सिडी के तौर पर देती है.
खरीफ फसलों जैसे अनाज, तिलहन, बाजरा और दलहन पर किसान को बीमित राशि का अधिकतम 2 फीसदी या जो कम हो, उतना प्रीमियम देना होता है. इसके अलावा, रबी फसलों जैसे गेहूं, चना और सरसों पर यह दर 1.5 फीसदी तक होती है. वहीं, वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए किसान को बीमित राशि का अधिकतम 5 फासदी तक प्रीमियम देना होता है. बाकी प्रीमियम सरकार देती है, जिससे किसान को कम खर्च में फसल बीमा का लाभ मिल जाता है.
उदाहरण के लिए यदि किसान ने 1 लाख रुपये की फसल का बीमा कराया है तो खरीफ में उसे अधिकतम 2000 रुपये, रबी में 1500 रुपये और बागवानी में 5000 रुपये तक ही देना होगा. बाकी बीमा राशि सरकार खुद भरती है.
कौन किसान कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ हर उस किसान को मिल सकता है जो खरीफ, रबी या सालाना बागवानी फसल की बुआई कर चुका है या करने वाला है. बैंक से ऋण लेने वाले किसानों के लिए यह योजना स्वतः लागू होती है, लेकिन जो किसान बैंक ऋण नहीं लेते, वो भी खुद आवेदन करके इसका लाभ ले सकते हैं. खास बात यह है कि सीमांत, लघु और भूमिहीन किसान भी इसमें शामिल हो सकते हैं.
लाभ लेने के लिए ऐसे करें आवेदन
आवेदन के लिए किसान अपने नजदीकी CSC केंद्र, बैंक शाखा, कृषि विभाग कार्यालय या फसल बीमा योजना की वेबसाइट पर जा सकते हैं. उन्हें आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी और बोवाई से संबंधित प्रमाण पत्र साथ ले जाना होगा.