गौ पालन की ओर बढ़ रहा है लोगों का रुझान, गंगाजल यात्रा से गौसेवा जागरूकता बढ़ा रहे युवा

भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें गौ पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं. इन योजनाओं में वित्तीय सहायता, बीमा, नस्ल सुधार और चारे की व्यवस्था जैसी जमीन से जुड़ी पहल शामिल हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 19 Jun, 2025 | 06:13 PM

देशभर में एक बार फिर गौ पालन को लेकर लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है. इसकी वजह हैं वे सरकारी योजनाएं, जो गाय पालन को रोजगार और आमदनी का मजबूत जरिया बना रही हैं. अब यह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि कमाई और खेती सुधारने का विकल्प बन चुका है. उत्तर प्रदेश में ‘अमृत धारा योजना’ के तहत बिना गारंटी के लोन दिया जा रहा है तो मध्यप्रदेश की ‘कामधेनु योजना’ में लाखों रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. वहीं, केंद्र सरकार का ‘गोकुल मिशन’ और ‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन’ गाय के संरक्षण, नस्ल सुधार और डेयरी क्षेत्र के विस्तार पर काम कर रहे हैं. सरकारी मदद और योजनाओं के दम पर अब किसान न सिर्फ गाय पाल रहे हैं, बल्कि जैविक खेती, गौ आधारित उत्पाद और दूध व्यापार से अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं.

इसी बीच एक और बड़ा बदलाव सामने आया है, गाय को केंद्र में रखकर एक आंदोलन जैसा अभियान शुरू हुआ है. ऋषिकेश से रामेश्वरम तक 61 दिनों की ‘गौ आधारित भारत यात्रा’ निकली है. यह केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि 12 राज्यों से होते हुए हर पड़ाव पर गौ सेवा, जैविक खेती और आत्मनिर्भर गांव का संदेश दे रही है.

सरकारी योजनाएं बनीं प्रोत्साहन का आधार

भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें गौ पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देशी नस्लों के संरक्षण और सुधार पर जोर दिया जा रहा है, ताकि किसानों को उच्च क्वालिटी वाला दूध मिल सके. राष्ट्रीय पशुधन मिशन डेयरी से लेकर चारा विकास तक को कवर करता है. वहीं, ‘मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना’ के जरिए राज्य स्तर पर देशी गायों को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है. इन योजनाओं में वित्तीय सहायता, बीमा, नस्ल सुधार और चारे की व्यवस्था जैसी जमीन से जुड़ी पहल शामिल हैं.

अमृत धारा से गाय और खेत दोनों को फायदा

उत्तर प्रदेश सरकार की अमृत धारा योजना गौ पालन और प्राकृतिक खेती को जोड़ती है. इस योजना के तहत दो से दस गाय पालने के लिए 10 लाख रुपये तक का बैंक ऋण दिया जा रहा है. खास बात यह है कि 3 लाख रुपये तक के लोन के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं. इसमें पशुपालकों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे गायों की देखभाल और उपयोग को बेहतर ढंग से समझ सकें. यह योजना न सिर्फ आवारा पशुओं को आश्रय देती है, बल्कि जैविक खेती को भी बढ़ावा देती है.

Ganga Jal Gau Seva Yatra

गंगाजल लेकर गौसेवा जागरूकता के लिए भारत यात्रा कर रहे युवा

हरिद्वार की हर की पैड़ी पर आरती के दौरान इस यात्रा का नेतृत्व करने वाले जीव जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान – AWARI के अध्यक्ष भारत सिंह राजपुरोहित, हिंद राइज गौ संवर्धन आश्रम और राष्ट्रीय गौसेवक संघ के संस्थापक नरेंद्र कुमार, माटी इंडिया के संस्थापक रोहित बिष्ट और वरिष्ठ पत्रकार अंकित शर्मा ने गंगा आरती के बीच पवित्र गंगाजल ग्रहण किया. यह जल यात्रा के हर पड़ाव पर साथ रहेगा, जो इस पहल को आध्यात्मिक ताकत और सांस्कृतिक गहराई देने का प्रतीक बनेगा. संदेश साफ है कि यह सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को फिर से जोड़ने की पहल है. यह युवा देशभर के लोगों को गौसेवा और गौ पालन के लिए जागरूक कर रहे हैं.

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