कपास की नई किस्में पेश करेगा ICAR, सूखे की स्थिति में सिंचाई के समाधान निकालेंगे वैज्ञानिक

कृषि मंत्री ने कहा कि कपास की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर है. कम लागत और ज्यादा मुनाफा देने वाली जलवायु अनुकूल कपास की नई किस्में विकसित की जा रही हैं.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 10 Jul, 2025 | 07:04 PM

कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार का काफी जोर है. क्योंकि, बीते कुछ वर्षों से गुलाबी सुंडी कीट और कुछ हिस्सों में सिंचाई दिक्कतों के चलते कपास के रकबे में गिरावट देखी गई है. इसका असर उत्पादन पर भी दिखा है. ऐसे में किसानों को ज्यादा उत्पादन और कमाई दिलाने के इरादे से कपास की रोगरोधी नई उन्नत किस्मों को विकसित किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इन किस्मों को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कोयंबटूर में पेश कर सकते हैं. जबकि, सूखे की स्थिति और सिंचाई दिक्कतों को देखते हुए ICAR के वैज्ञानिकों को समाधान निकालने के निर्देश दिए गए हैं.

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज आंध्र प्रदेश में सत्यसाई हॉस्पिटल के दौरे पर थे. वह कल 11 जुलाई को कोयंबटूर में कपास उत्पादन बढ़ाने समेत अन्य बिंदुओं पर किसानों और कपास इंडस्ट्री के लोगों से बात करेंगे. यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कपास की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर है. कम लागत और ज्यादा मुनाफा देने वाली जलवायु अनुकूल कपास की नई किस्में विकसित की जा रही हैं. बता दें कि उम्मीद जताई जा रही है कि ICAR नई किस्मों की सूची जारी कर सकता है.

सूखे में सिंचाई के समाधान निकालेंगे राज्य-केंद्र और वैज्ञानिक

सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कृषि रणनीतियों पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने यहां के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए कई कदम उठाए हैं. पिछली सरकारों ने जरूर केंद्र सरकार की योजनाओं के पैसे को डायवर्ट करके यहां के साथ अन्याय किया. अभी की सरकार काम कर रही है. हमने आज तय किया है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इसका उपाय निकालेगी. हमारे वैज्ञानिक और अधिकारियों को केंद्र सरकार यहां भेजेगी. कृषि विभाग, ICAR के वैज्ञानिक, ग्रामीण विभाग और आदि मिलकर सूखे की परिस्थिति में सिंचाई के साधन का समाधान निकालेगी.

किसान की मांग पर रिसर्च समय की जरूरत है

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि अनुसंधान दिल्ली में नहीं, बल्कि देशभर के किसानों के खेतों में होना चाहिए. किसान के मांग पर आधारित अनुसंधान समय की आवश्यकता है. अनुसंधान राज्यों की आवश्यकताओं के अनुरूप केंद्रित होगा और उसी के अनुसार हम एक कार्ययोजना तैयार करेंगे. हमारे किसान इतने परिश्रमी है और ICAR के वैज्ञानिक इतने सक्षम हैं कि अगर दोनों एक साथ मिल जाए तो भारत दुनिया के लिए फूड बास्केट बन जाएगा. उन्होंने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान में जो मार्गदर्शन आए हैं उसी पर ICAR काम करेगा, हमारा मार्गदर्शक अगर कोई है वो खेतों में कार्य करने वाले किसान हैं.

cotton production meet

कपास की खेती पर मंथन होगा.

कपास की नई हाइब्रिड किस्में लाएगा ICAR

शिवराज सिंह चौहान 11 जुलाई को तमिलनाडु के कोयंबटूर में वह कपास उत्पादन बढ़ाने समेत अन्य बिंदुओं पर किसानों और कपास इंडस्ट्री के लोगों से बात करेंगे. सुबह 10 बजे से कार्यक्रम होगा, जिसमें वह क्वालिटी, उत्पादन और खेती में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर बात करेंगे. इसके साथ ही वह कपास के लिए खतरा गुलाबी सुंडी कीट की रोकथाम के लिए वैज्ञानिकों से चर्चा करेंगे. सूत्रों के अनुसार इस दौरान ICAR की ओर विकसित की जा रहीं रोगरोधी कपास की नई हाइब्रिड किस्मों को कृषि मंत्री पेश कर सकते हैं.

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Published: 10 Jul, 2025 | 07:01 PM

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