गर्मियों में स्वाद और सेहत का खजाना बना खरबूजा, खेती के लिए बेस्ट किस्में जानिए

खरबूजा एक पौष्टिक फल है जो गर्मियों में स्वाद और सेहत का अनोखा संगम प्रदान करता है. इसकी खेती भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है और यह किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत है.

नोएडा | Updated On: 6 Jun, 2025 | 09:37 PM

गर्मियों के मौसम में स्वाद और सेहत का अनोखा संगम देने वाला फल खरबूजा (खरबूजा) अब भारतीय किसानों के लिए कमाई का बड़ा जरिया बनता जा रहा है. अपनी मीठी खुशबू, ठंडक देने वाले गुण और पानी की अधिकता के चलते खरबूजा का सेवन गर्मियों में खूब किया जाता है. विटामिन A और C से भरपूर यह फल न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता हैं है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता हैं है. भारत खरबूजा उत्पादन में चीन और तुर्की के बाद दुनिया में तीसरे स्थान पर आता है. देश के पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

खरबूजा की प्रमुख किस्में

मधुराजा खरबूजा

यह किस्म 55 से 60 दिनों में पक जाती है, जो कि ‘मधुरस’ किस्म से 5-7 दिन जल्दी है. इसका फल 1.0 से 1.25 किलो वजनी होता है. इस किस्म के फलों में अच्छा गूदा रंग और सुगंध होती है. फल पर हल्की जालियां (नेटिंग) और मध्यम आकार का बीज कक्ष होता है. इसकी मिठास 12 से 15 प्रतिशत तक होती है, जो स्वाद में इजाफा करती है.

उर्जा कजरी खरबूजा

इस किस्म का गूदा गहरा नारंगी रंग का होता है और यह BRIX 13 सहन कर सकता है. 60 से 65 दिनों में फसल तैयार हो जाती है और फल का औसत वजन 1.2 से 1.5 किलो तक होता है. हर फल में लगभग 100 बीज होते हैं.

मृदुला खरबूजा

यह एक जल्दी पकने वाली और खूब फल देने वाली किस्म है. इसके फल गोल और हल्के पीले रंग के होते हैं. औसतन एक फल का वजन 1.5 से 2 किलो तक होता है. फूल खिलने के 40 दिन बाद फलों की तुड़ाई की जा सकती है. इसका सफेद गूदा नर्म, मीठा और खुशबूदार होता है, जो इसे खास बनाता है.
उर्जा यूएस-111 खरबूजा

यह किस्म भी गहरे नारंगी गूदे वाली है और BRIX 13 सहन कर सकती है. फसल 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती है और फल का वजन 1.2 से 1.5 किलो तक होता है. हर फल में करीब 50 बीज होते हैं.

एनएस 910 खरबूजा

यह किस्म 60 से 65 दिनों में तैयार हो जाती है. फलों का आकार अंडाकार होता है और वजन 1.5 से 2 किलो के बीच रहता है. फल पर जालियां अच्छी तरह से बनी होती हैं और गूदा गहरा सल्मन रंग का होता है. मिठास 13-14 प्रतिशत तक रहती है.

सांवि खरबूजा

गोल आकार और सुनहरे पीले रंग की चिकनी त्वचा वाले इस फल का वजन लगभग 1 से 1.5 किलो होता है. इसका नारंगी गूदा कुरकुरा और मिठास 14-16 प्रतिशत तक होती है. इसे 70-75 दिनों में तैयार किया जा सकता है. यह किस्म लेट खरीफ और गर्मी के मौसम के लिए उपयुक्त है.

एमएच 38 खरबूजा

मध्यम आकार के फल हल्के रिब्ड और जालीदार होते हैं. गूदा गहरा नारंगी और मीठा होता है. इस किस्म के फल 1.8 से 2.0 किलो वजनी होते हैं और यह कुछ हद तक डाउनी व पाउडरी मिल्ड्यू रोगों के प्रति सहनशील है. फसल 70-80 दिनों में तैयार हो जाती है.

रूद्राक्ष अर्जुन खरबूजा

इस किस्म का गूदा भी नारंगी और मीठा होता है, जिसमें चीनी की मात्रा 13-15 प्रतिशत तक रहती है. फल का वजन 1.5 से 2.5 किलो तक होता है. यह किस्म 65-70 दिनों में तैयार होती है और प्रति एकड़ लगभग 20-25 टन उत्पादन देती है.

एफबी मिठान एफ1 हाइब्रिड खरबूजा

यह किस्म घनी जालियों और नारंगी गूदे वाली होती है, जिसकी मिठास 12-15% तक होती है. फल का वजन 1 से 2 किलो तक होता है. यह किस्म फ्यूजेरियम और वायरस जनित बीमारियों के प्रति अच्छी सहनशीलता रखती है और लंबी दूरी के परिवहन के लिए उपयुक्त है.

 लगभग 400-600 ग्राम बीज की जरूरत

खरबूजा की खेती के लिए अच्छी जलनिकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. बीजों को बुवाई से पहले 12-24 घंटे पानी में भिगोने से अंकुरण अच्छा होता है. एक एकड़ के लिए लगभग 400-600 ग्राम बीज की जरूरत होती है. जमीन की तैयार करते समय गोबर की खाद और नीम खली मिलाई जाती है. सिंचाई की बात करें तो हल्की लेकिन बार-बार पानी देना जरूरी होता है. मल्चिंग करने से मिट्टी में नमी भी बनी रहती है. पौधों की बढ़त के दौरान हल्की गुड़ाई और टॉप ड्रेसिंग से फसल को मजबूती मिलती है. फलों को सामान्य तापमान पर 2-4 दिन और कोल्ड स्टोरेज में 2-3 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

Published: 7 Jun, 2025 | 09:00 AM