मनरेगा मजदूरों के लिए 2343 करोड़ रुपये जारी, श्रमिकों के खाते में पहुंची राशि

उत्तर प्रदेश के मनरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार ने 2343.80 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की. इस कदम से श्रमिकों को उनकी बकाया मजदूरी मिलनी शुरू हो गई है. कछ मजदूरों के खाते में पैसे भी भेज दिए गए हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 23 Apr, 2025 | 11:51 AM

उत्तर प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों को राहत देते हुए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा मजदूरों की बकाया मजदूरी तत्काल उनके खातों में भेजी जाए. इसके लिए केंद्र सरकार से श्रमांश निधि के तहत 2343.80 करोड़ रुपये की पहली किस्त उत्तर प्रदेश को जारी कर दी गई है, जिससे श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा.

मनरेगा मजदूरों की मजदूरी जारी

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण भारत की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में से एक है. इसके अंतर्गत गरीब परिवारों को हर साल न्यूनतम 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाता है. उत्तर प्रदेश के लाखों मजदूर इस योजना से जुड़े हैं और लंबे समय से अपने बकाया मजदूरी का इंतजार कर रहे थे. ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी ने बताया कि यह धनराशि राज्य सरकार द्वारा की गई मांग के अनुरूप केंद्र सरकार की ओर से 2343.80 करोड़ रुपये की पहली किस्त उत्तर प्रदेश को जारी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि यह रकम केवल मजदूरी भुगतान तक सीमित नहीं है, बल्कि विभागीय कामकाज में पारदर्शिता और गति लाने के लिए भी उपयोग की जाएगी.

ऑनलाइन पोर्टल से हर रिपोर्ट होगी ट्रैक

इसी क्रम में कामकाज को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन रिपोर्टिंग सिस्टम भी शुरू किया गया है. इस नई व्यवस्था में अधिकारी अपनी फील्ड रिपोर्ट, निरीक्षण फोटो और कार्य विवरण प्रतिदिन पोर्टल पर अपलोड करेंगे. सभी अधिकारियों को यूजर आईडी और पासवर्ड प्रदान किए गए हैं, साथ ही पहली बार लॉगिन पर पासवर्ड बदलने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस डिजिटल प्रणाली के माध्यम से मुख्यालय स्तर से सीधे निर्देश जारी किए जा सकेंगे, जो जमीनी स्तर तक तेजी से पहुंचेंगे. इससे न केवल काम की रफ्तार और गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा भी रियल टाइम में संभव हो सकेगी.

गन्ना विकास विभाग की डिजिटल पहल

ऑनलाइन रिपोर्टिंग सिस्टम गन्ना विकास विभाग की डिजिटल प्रणाली का भी हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कार्यप्रणाली को पेपरलेस, पारदर्शी और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है. इससे किसानों की आय में वृद्धि, खेती की उत्पादकता में सुधार और सरकारी योजनाओं पर जनविश्वास बढ़ने की उम्मीद है. डिजिटल पहल से किसानों को गन्ना पर्ची निर्गमन, भुगतान और गन्ना खरीद बिक्री की स्थिति का ऑनलाइन आकलन करना आसान हो जाएगा.

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Published: 23 Apr, 2025 | 11:38 AM

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