तमिलनाडु में यूरिया-DAP की भारी किल्लत, किसानों को नहीं मिल रही भरपूर खाद.. अन्नदाता परेशान

तमिलनाडु में खाद की किल्लत है. भारतीय किसान संघ के राज्य प्रवक्ता एन. वीरासेकरण ने कहा कि हकीकत में PACCS और निजी व्यापारियों दोनों को ही पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 27 Jul, 2025 | 04:03 PM

तमिलनाडु के तिरुचि जिले में इस बार कुरुवाई धान की खेती का रकबा पिछले साल से ज्यादा यानी करीब 15,000 एकड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह 12,000 एकड़ था. लेकिन किसान यूरिया और डीएपी जैसे खादों की भारी कमी से परेशान हैं. उन्हें सहकारी समितियों और निजी दुकानों, दोनों जगह खाद आसानी से नहीं मिल रही है. ऐसे में किसानों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मौसम में लगभग 25,000 टन खाद की जरूरत है, लेकिन जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (PACCS) के पास सिर्फ 4,046 टन खाद मौजूद है, जिसमें 877 टन यूरिया, 635 टन डीएपी, 1,608 टन कॉम्प्लेक्स खाद, 778 टन एमओपी और 146 टन सिंगल सुपर फॉस्फेट शामिल हैं. निजी दुकानदारों का कहना है कि उन्हें भी PACCS के बराबर ही खाद मिल रही है. हालांकि किसान आरोप लगा रहे हैं कि निजी व्यापारियों को PACCS की तुलना में ज्यादा मात्रा में खाद दी जा रही है. उनका कहना है कि PACCS और निजी दुकानों के जरिए कुल मिलाकर करीब 15,000 टन खाद ही उपलब्ध कराई गई है, जो जरूरत से काफी कम है.

PACCS को भी नहीं मिल रही खाद

भारतीय किसान संघ के राज्य प्रवक्ता एन. वीरासेकरण ने कहा हकीकत में PACCS और निजी व्यापारियों दोनों को ही पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है. चूंकि कुरुवाई स्पेशल पैकेज में खाद शामिल है, इसलिए अधिकारी पहले उन किसानों को खाद दे रहे हैं जो इस योजना में पंजीकृत हैं, बाकी किसानों को नजरअंदाज किया जा रहा है. PACCS केंद्रों पर खाद की कमी के कारण कई किसान मजबूरी में निजी दुकानों से खाद खरीदने जा रहे हैं. लेकिन वहां उन्हें जरूरत से ज्यादा और महंगे उत्पाद भी खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो रोपाई के समय जरूरी नहीं होते.

मनप्परै तालुका के एकीकृत किसान संघ के अध्यक्ष एम अब्दुल्ला ने कहा कि धान की रोपाई के समय हमें यूरिया और कॉम्प्लेक्स खाद की जरूरत होती है. बायो-फर्टिलाइजर और टॉनिक तो फसल बढ़ने के बाद इस्तेमाल किए जाते हैं. इस संबंध में जब तिरुचि की कृषि संयुक्त निदेशक बी. वसंथा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिले के PACCS केंद्रों में सभी प्रकार की खाद पर्याप्त मात्रा में मौजूद है.

15,000 एकड़ में कुरुवाई धान की खेती

उन्होंने कहा कि कुरुवाई धान की खेती के लिए इस बार 15,000 एकड़ का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक 9,000 एकड़ में रोपाई हो चुकी है और बाकी हिस्से में भी जल्द ही काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि PACCS केंद्रों पर यूरिया, डीएपी और कॉम्प्लेक्स जैसी खादें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. अगर किसी खास क्षेत्र में किसानों को कोई दिक्कत होती है तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे और उनकी जरूरतें पूरी की जाएंगी.

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Published: 27 Jul, 2025 | 03:58 PM

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