Paddy Harvesting: उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बासमती धान की कटाई तेजी से हो रही है. अगर किसान इस समय जरूरी सावधानियां नहीं बरतेंगे, तो प्रोसेसिंग के समय चावल के दाने टूट सकते हैं. इससे मार्केट में ज्यादा रेट नहीं मिलेगा. इसलिए धान कटाई के समय धान की गुणवत्ता अच्छी बनाए रखना बहुत जरूरी है. अगर कटाई और उसके बाद की प्रक्रिया को सही तरीके से किया जाए, तो बासमती चावल को बाजार में बेहतर दाम मिल सकता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में किसान बड़े स्तर पर बासमती धान की खेती करते हैं. क्योंकि इसकी मांग सिर्फ भारत में ही नहीं, विदेशों में भी काफी ज्यादा है. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बासमती चावल का निर्यात करता है. ऐसे में अगर किसान अपनी फसल से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें कटाई के समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. सही समय पर और सही तरीके से कटाई करने से चावल की गुणवत्ता बेहतर रहती है, जिससे मिलर को ज्यादा और अच्छा चावल मिलता है. ऐसे में मिलर भी किसानों से ऊंचे दाम पर फसल खरीदने को तैयार रहता है.
धान कटाई से पहले इन बातों का रखें खाल
- बासमती चावल को टूटने से बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि कटाई सही नमी स्तर पर की जाए.
- जब धान में 18-20 फीसदी तक नमी हो, तभी कटाई करें.
- अगर नमी इससे कम होगी तो मिलिंग के दौरान दाने टूट सकते हैं.
- कटाई तभी करें जब खेत की करीब 80-85 फीसदी बालियां पूरी तरह पक चुकी हों.
- अगर आप कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई कर रहे हैं, तो मशीन की थ्रेशिंग स्पीड धीमी रखें, ताकि दानों पर ज्यादा दबाव न पड़े और टूट-फूट कम हो.
- इसके अलावा, कटाई सुबह की ओस हटने के बाद ही करें, ताकि दाने सूखे हों और झड़ें नहीं.
- सही समय पर और सावधानी से की गई कटाई से चावल की गुणवत्ता बनी रहती है और बाजार में अच्छा दाम मिलता है.
- अच्छी गुणवत्ता वाला चावल पाने के लिए जरूरी है कि कटाई के तुरंत बाद धान को धीरे-धीरे सुखाया जाए.
- धान को सीधा तेज धूप में न फैलाएं, क्योंकि इससे दानों में दरारें आ सकती हैं.
- भंडारण के लिए धान की नमी को 12 फीसदी तक लाना चाहिए.
4 हफ्ते तक करें स्टोर
कटाई के समय कोशिश करें कि खेत में नुकसान कम से कम हो. मशीन की सेटिंग सही रखें, ताकि कोई भी दाना खेत में न छूटे. इसके अलावा, धान को मिलिंग से पहले कम से कम 3 से 4 हफ्ते तक स्टोर करें. इससे दाने मजबूत होते हैं और चावल की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे बाजार में अच्छा दाम मिल सकता है.