Haryana News: पंजाब ही नहीं हरियाणा में भी भारी बारिश और बाढ़ से धान की फसल को नुकसान पहुंचा है. खासकर करनाल जिले में धान की फसल को कुछ ज्यादा ही नुकसान देखने को मिल रहा है. लेकिन इन दिनों जिले के कई इलाकों में किसान एक नई परेशानी का सामना कर रहे हैं. ज्यादा बारिश और जलभराव की वजह से धान की पैदावार में गिरावट आई है. खासकर 1509 बासमती किस्म की पैदावार इस बार काफी कम हो गई है, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. वहीं, किसानों का कहना है कि पैदावार में गिरावट आने से 21000 रुपये एकड़ नुकसान हो रहा है.
इस साल प्रति एकड़ औसत पैदावार सिर्फ 12 से 17 क्विंटल रही है, जबकि पिछले साल यह 20 से 25 क्विंटल थी. यानी इस साल पैदावार में अधिकतम 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से गिरावट आई है. हालांकि इस बार बाजार में दाम थोड़े बेहतर हैं, लेकिन कम उत्पादन की वजह से किसानों को फायदा नहीं मिल पाया. करनाल अनाज मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे किसान विकास ने कहा कि मैंने 4 एकड़ में 1509 किस्म की धान लगाई थी और औसतन 16.5 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार मिली. पिछले साल यह 23.5 क्विंटल थी. हालांकि, इस बार बाजार भाव 3,000 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन फिर भी मुझे प्रति एकड़ करीब 21,000 रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि एक एकड़ में धान की खेती का खर्च करीब 27,000 रुपये आता है.
बासमती धान का ताजा मार्केट रेट
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, रिंदल गांव के किसान प्रताप ने कहा कि 1509 बासमती किस्म की खरीद प्राइवेट व्यापारी 2,600 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच कर रहे हैं. कुंजपुरा के किसान नरेश ने कहा कि इस बार उत्पादन में भारी गिरावट आई है. पिछले साल मुझे प्रति एकड़ करीब 25 क्विंटल धान मिली थी, लेकिन इस बार सिर्फ 16 क्विंटल ही हो पाई. उन्होंने कहा कि कमीशन एजेंटों ने भी हालात को गंभीर माना है. आढ़ती सुमित चौधरी ने कहा कि इस बार 1509 का भाव भले ही अच्छा है, लेकिन पैदावार बहुत कम हुई है, जिससे किसानों को घाटा हो रहा है.
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सामान्य से 38 फीसदी ज्यादा बारिश
बता दें कि हरियाणा में इस साल बाढ़ के कारण फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. साथ ही बीमारियों की वजह से भी फसल की बर्बादी हुई है. राज्य में अब तक 566.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 38 फीसदी ज्यादा है. इसका सबसे बड़ा असर 1509 किस्म की धान पर पड़ा है. अंबाला में शुरुआती कटाई के आंकड़ों के अनुसार, इस बार धान की प्रति एकड़ पैदावार में 10 क्विंटल तक की गिरावट आई है. जहां पिछले साल औसतन 34 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन हुआ था, वहीं इस बार कई जगहों पर यह घटकर 20–22 क्विंटल रह गया है. ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अब तक 6,390 गांवों के 5.27 लाख किसानों ने कुल 30.95 लाख एकड़ भूमि पर फसल नुकसान की जानकारी दर्ज कराई है. ये आंकड़े हरियाणा के सभी 23 जिलों से आए हैं. सरकार का कहना है कि गिरदावरी रिपोर्ट आने के बाद किसानों को जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा.