यूपी-बिहार के किसानों के लिए बेस्ट है अगेती मटर की ये किस्म, 55 दिनों में मिलेगी 120 क्विंटल तक पैदावार

रबी सीजन की शुरुआत होने वाली है, ऐसे में अगर किसान मटर की अगेती किस्मों का चुनाव करते हैं तो दोहरा मुनाफा हो सकता है. पहला उनकी उपज जल्दी तैयार होकर बाजार पहुंचेगी जिसकी उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर खेत जल्दी खाली हो जाने से वे अन्य रबी फसलों की खेती भी कर सकते हैं.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 19 Sep, 2025 | 11:30 PM

Pea Farming:  सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बाजार में मटर की मांग बढ़ जाती है. वैसे तो मटर की मांग हर समय बनी रहती है लेकिन सर्दियों में इसकी खपत बढ़ जाती है. यही कारण है कि इसकी खेती किसान बड़े पैमाने पर करते हैं. ऐसे में मटर की खेती से अच्छी उपज और कमाई लेने के लिए जरूरी है कि किसान मटर की अगेती किस्मों का चुनाव करें ताकि किसानों को जल्दी उपज मिल सके और बाजार में जल्दी बेचने के कारण उन्हें इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है. मटर की तरह-तरह की अगेती किस्मों में से एक है काशी अगेती (Matar Kashi Ageti). ये किस्म जल्दी ही पककर तैयार हो जाती है, जिसके कारण ये किस्म किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है.

काशी अगेती मटर की खासियत

काशी अगेती किस्म मटर की एक उन्नत किस्म है, जिसे भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR), वाराणसी द्वारा विकसित किया गया है. अगेती मटर की ये किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा और जल्दी पैदावार देने के लिए किसानों के बीच लोकप्रिय है. बता दें कि, ये किस्म छोटे किसानों और बागवानी का शौक रखने वाले लोगों के लिए भी सही मानी जाती है. इस किस्म की एक खासियत ये भी है कि ये फसल में लगने वाले पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) और रस्ट (Rust) जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम है. इसके अलावा इसकी एक सबसे बड़ी खासियत है कि ये उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में उगाने के लिए बेस्ट है.

Early Variety of Pea

यूपी-बिहार के किसानों के लिए बेस्ट है मटर की ये किस्म (Photo Credit- Canva)

ऐसे करें खेत की तैयारी

काशी अगेती मटर की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ दोमट या बलुई दोमट मिट्टी जिसका  pH मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए. सबसे पहले मिट्टी की 2 से 3 बार गहरी जुताई करें ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो सके और खरपतवार नष्ट हो सकें. इसके बाद पाटा या रोटावेटर (Rotavator) चलाकर मिट्टी को समतल कर लें ताकि पानी न जमा हो. आपको ध्यान रखान होगा कि मिट्टी की तैयारी करते समय उसमें 8 से 10 टन गोबर की खाद (Organic Fertilizer) जरूर डालें.

बीज बुवाई की विधि

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, काशी अगेती मटर की खेती करने का सही समय अक्टूर के अंतिम हफ्ते से लेकर नवंबर के मध्य तक होता है. इसकी प्रति हेक्टेयर फसल के लिए करीब 30 से 35 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. बेहतर होता है अगर बुवाई से पहले बीजों को 12 घंटे के लिए पानी में भिगोकर उनका उपचार (Seed Treatment) कर लिया जाए. बीज बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर तो वहीं पौधों से पौधों की दूरी 10 सेंटीमीटर होनी चाहिए. बता दें कि मिट्टी में बीजों को 3 से 5 सेंटीमीटर गहराई में बोना चाहिए.

फसल तुड़ाई और पैदावार

काशी अगेती मटर कम समय में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है. इसकी फसल में बुवाई के 35 से 40 दिन बाद फूल आने लगते हैं और ये फसल 50 से 55 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. किसानों को ये सलाह दी जाती है कि वे इसकी हरी फलियों की हर 2 से 3 दिन में तुड़ाई जरूर करें ताकि उपज की क्वालिटी बनी रहे. बता दें कि, अगर इस किस्म की देखभाल अच्छे से की जाए तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से 80 से 100 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं.

Published: 19 Sep, 2025 | 11:30 PM

निम्नलिखित फसलों में से किस फसल की खेती के लिए सबसे कम पानी की आवश्यकता होती है?

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गन्ना
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